अब खेसारी पर प्रतिबंध का कोई औचित्य नहीं: प्रो. पंजाब सिंह
‘खेसारी: कल, आज और कल’ फिल्म का किया अवलोकन वाराणसी, 07 अप्रैल (हि.स.) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के पूर्व कुलपति और रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर पंजाब सिंह ने सोमवार को अपने आवास पर ‘खेसारी: कल, आज और क
प्रो, पंजाब सिंह


‘खेसारी: कल, आज और कल’ फिल्म का किया अवलोकन

वाराणसी, 07 अप्रैल (हि.स.) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के पूर्व कुलपति और रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर पंजाब सिंह ने सोमवार को अपने आवास पर ‘खेसारी: कल, आज और कल’ नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का अवलोकन किया। यह फिल्म बीएचयू न्यूरोलॉजी विभाग की पहल पर खेसारी दाल को लेकर तैयार की गई है।

फिल्म को देखने के बाद प्रो. पंजाब सिंह ने इसकी सराहना करते हुए बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग और निर्देशक आशुतोष पाठक को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर तक पहुंचकर, कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की राय को समाहित करते हुए तैयार की गई यह फिल्म जनजागरूकता के लिए अत्यंत उपयोगी है।

उन्होंने बताया कि अब खेसारी दाल पर लगे प्रतिबंध का कोई औचित्य नहीं बचा है। मैं स्वयं उत्तर प्रदेश सरकार से इस विषय पर वार्ता करूंगा, उन्होंने कहा।

प्रो. सिंह ने आगे कहा कि फिल्म वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर यह दर्शाने में सफल रही है कि खेसारी दाल से संबंधित पूर्व धारणाएं अब प्रासंगिक नहीं रह गई हैं, और इसे पुनः मुख्यधारा में लाना चाहिए।

इस अवसर पर बीएचयू न्यूरोलॉजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विजयनाथ मिश्र, आईएमएस के डॉ. प्रवीण सिंह आदि भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी