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चंडीगढ़, 6 अप्रैल (हि.स.)। हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा सप्त सिंधु डॉ. भीम राव अंबेडकर स्टडी सर्कल के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को प्रथम अंबेडकर संवाद-2025 का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय भारतीय सामाजिक संरचना को जानने का अंबेकर मार्ग था। इस अवसर पर साहित्य अकादमी के कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ. कुलदीप चन्द्र अग्निहोत्री ने कहा कि डॉ. अंबेडकर की शूद्र कौन थे पुस्तक हमारे भारतीय सामाजिक संरचना पर बहुत महत्वपूर्ण पुस्तक है। अंबेडकर की इस कृति पर काम करने की जरूरत है। वर्ग और जाति के भेद को समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विभिन्न जातियों में गोत्रों में समानता मिलती है। जब विभिन्न जातियों में गोत्र वही हैं तो उनकी जाति अलग-अलग कैसे हुई। समाज वैज्ञानिकों को अंबेडकर के चिंतन को आधार बनाना चाहिए। अंबेडकर आर्यों को यहां के निवासी मानते थे। डॉ. अंबेडकर ने भारतीय समाज को सही संदर्भ में दिशा देने का प्रयास किया थाl उन्होंने बताया कि अछूत कौन थे और शूद्र कौन थे।
डॉ. अंबेडकर स्टडी सर्कल के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र सिंह ने बाबा साहेब के चिंतन पर आगे शोध करने की आवश्यकता को समय की सबसे बड़ी जरूरत बताया। हिसार कृषि विश्वविद्यालय के प्रो. रजनीकांत शर्मा ने सभी प्रतिभागियों से अपील की कि वे डॉ. अंबेडकर के चिंतन का गहराई से अध्ययन करें तथा उसे और आगे ले जाने की दिशा में शोध कार्य को बढ़ावा दें।संगोष्ठी के अन्त में जिज्ञासा सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें अकादमी के कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री द्वारा जिज्ञासुओं के प्रश्नों के उत्तर दिए गए। संगोष्ठी का मंच संचालन डॉ. मनोज कुमार व डॉ. हरिकृष्ण ने किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा