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आलीराजपुर, 26 अप्रैल (हि.स.)। मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले अलीराजपुर के जिला चिकित्सालय शनिवार को महकमे का अमानवीय चेहरा सामने आया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरझर से जिला अस्पताल रेफर की गई एक प्रसूता को नवजात के साथ करीब तीन घंटे तक जमीन पर लेटना पड़ा। दरअसल, यहां मौजूद चिकित्सक और कर्मचारियों ने बेड खाली न होने की बात कही थी, जिस पर महिला भीषण गर्मी में मासूम बेटी के साथ बरामदे में ही फर्श पर ही लेटी रही। बाद में सीएमएचओ देवेंद्र सुनहरे को जानकारी मिली तो उन्होंने प्रसूता को भर्ती कराया।
जानकारी के अनुसार, अंजुड़ी पत्नी वनसिंह की शनिवार सुबह बरझर के शासकीय स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूति हुई थी। यहां महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया था। परिजनों ने बताया कि नवजात की सेहत ठीक न होने पर प्रसूता व बच्चे को जिला अस्पताल रेफर कर दिया था। दोपहर करीब तीन बजे वे प्रसूता व बच्चे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। बच्चे की स्थिति खराब होने पर भी यहां मौजूद अमले ने बेड खाली न होने की बात कहकर तत्काल भर्ती करने में असमर्थता जता दी। परिजनों बताया कि कोई सुनवाई न होने पर बेड खाली होने तक महिला को जमीन पर ही लिटा दिया गया।
मामले में सीएमएचओ देवेन्द्र सुनहरे ने बताया कि जिला अस्पताल में बेड की कमी है। इस कारण यह स्थिति बनी है। महिला को भर्ती कर लिया गया है। जिला अस्पताल फिलहाल 100 बिस्तरीय है। शासन ने 100 बेड की और स्वीकृति दी है, जिसके भवन का काम परिसर में चल रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर