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कोलकाता, 26 अप्रैल (हि. स.)। पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों के लगभग 200 गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने शनिवार को अपनी नौकरियों की पुनर्बहाली की मांग को लेकर राज्य के शिक्षामंत्री ब्रत्य बसु के आवास के बाहर थोड़े समय के लिए प्रदर्शन किया। ये सभी वे कर्मचारी हैं, जिनकी नियुक्तियां उच्चतम न्यायालय के तीन अप्रैल के आदेश के बाद रद्द कर दी गई थीं।
उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व के फैसले को बरकरार रखते हुए, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) द्वारा 2016 में गठित भर्ती पैनल के माध्यम से हुई 25 हजार 752 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को अमान्य करार दिया था।
प्रदर्शनकारियों ने अपने-अपने कार्यस्थलों पर पुनर्नियुक्ति की मांग करते हुए तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह उनके मुद्दे को उच्चतम न्यायालय में मजबूती से रखे।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बाद में प्रदर्शनकारियों ने उस स्थल को छोड़ दिया जब मंत्री ने पुलिसकर्मियों के माध्यम से संदेश भेजा कि वे अगले सप्ताह व्यक्तिगत रूप से उनसे मुलाकात करेंगे। पुलिस ने यह भी बताया कि मंत्री उस समय आवास पर उपस्थित नहीं थे।
मंत्री द्वारा भेजे गए संदेश में कहा गया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं इस समस्या के समाधान के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर