हिमाचल में 13 एसटीएफ थाने और जांच इकाइयां गठित, संगठित अपराध और नशा तस्करी पर लगेगा शिकंजा
शिमला, 26 अप्रैल (हि.स.)। संगठित अपराध और नशा तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के विभिन्न जिलों में विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) पुलिस थानों के गठन के बाद अब जांच इकाइयां और आदिवासी विशेष टास्क फोर्स यून
हिमाचल में 13 एसटीएफ थाने और जांच इकाइयां गठित, संगठित अपराध और नशा तस्करी पर लगेगा शिकंजा


शिमला, 26 अप्रैल (हि.स.)। संगठित अपराध और नशा तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के विभिन्न जिलों में विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) पुलिस थानों के गठन के बाद अब जांच इकाइयां और आदिवासी विशेष टास्क फोर्स यूनिटों का गठन किया गया है। इस संबंध में गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है, जो राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही प्रभावी हो गई है।

13 पुलिस जिलों में स्थापित होंगे एसटीएफ थाने

राज्यपाल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम 2007 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए पुलिस महानिदेशक के परामर्श से यह निर्णय लिया है। जिन जिलों में एसटीएफ थाने स्थापित किए जाएंगे, उनमें नूरपुर, ऊना, शिमला, कुल्लू, बद्दी, सिरमौर, मंडी, धर्मशाला, चंबा, सोलन, बिलासपुर, हमीरपुर और देहरा शामिल हैं। प्रत्येक थाना संबंधित जिले के भीतर संगठित अपराध, नशा तस्करी और अन्य निर्दिष्ट अपराधों की जांच करेगा।

विशेष अधिकार और संसाधन से लैस होंगे थाने

सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन थानों को विशेषाधिकार और पर्याप्त संसाधन मुहैया कराए जाएंगे ताकि तेजी से संगठित अपराध और नशे के नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके। पुलिस विभाग को आवश्यक ढांचागत सुविधाएं, मानव संसाधन और तकनीकी सहयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

नशा तस्करी और संगठित अपराध पर लगेगा अंकुश

पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में नशा तस्करी और संगठित अपराध के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लंबे समय से इन अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की मांग हो रही थी। सरकार का मानना है कि एसटीएफ थानों के गठन से अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ने और युवाओं को नशे के चंगुल से बचाने में मदद मिलेगी।

जांच इकाइयां और ट्राइबल यूनिटों का भी गठन

एसटीएफ थानों के गठन के बाद अब प्रत्येक जोन और मुख्यालय स्तर पर दो-दो जांच इकाइयां गठित की गई हैं। ये इकाइयां वाणिज्यिक मात्रा से जुड़े मामलों, संगठित अपराध रैकेट, दोहराए अपराधियों और संपत्ति जब्ती के मामलों की जांच करेंगी। नूरपुर, ऊना, शिमला, कुल्लू, बद्दी और सिरमौर जिलों के एसटीएफ थानों पर तीन-तीन जांच इकाइयां कार्यरत होंगी, जबकि मंडी, धर्मशाला, चंबा, सोलन, बिलासपुर, हमीरपुर और देहरा में दो-दो इकाइयां तैनात की जाएंगी।

लाहौल-स्पीति और किन्नौर में ट्राइबल एसटीएफ यूनिट

प्रदेश के जनजातीय जिलों लाहौल-स्पीति और किन्नौर में एक-एक ट्राइबल विशेष टास्क फोर्स यूनिट का गठन किया गया है। इन इकाइयों की अगुवाई सब-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी करेंगे और ये क्षेत्रीय अपराधों की जांच में एसटीएफ का सहयोग करेंगी।

पुलिस अधीक्षकों के अधीन काम करेंगी इकाइयां

सभी जांच इकाइयां विशेष टास्क फोर्स के अधीक्षक तथा पुलिस मुख्यालय में स्थापित इकाई के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करेंगी। मुख्यालय स्तर पर एसटीएफ प्रमुख एजीपी या आईजीपी स्तर के अधिकारी को सचिवीय सहायता प्रदान की जाएगी।

नेतृत्व का ढांचा भी तय

एसटीएफ पुलिस स्टेशनों का नेतृत्व नूरपुर, ऊना, शिमला, कुल्लू, बद्दी और सिरमौर जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक या उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी करेंगे, जबकि मंडी, धर्मशाला, चंबा, सोलन, बिलासपुर, हमीरपुर और देहरा के एसटीएफ थानों का नेतृत्व एक इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी के पास रहेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा