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कानपुर, 24 अप्रैल (हि.स.)। मेटामटेरियल और अगली पीढ़ी के एंटीना सिस्टम रक्षा और नागरिक संचार प्रौद्योगिकियों में नए आयाम खोल रहे हैं। यह कार्यशाला नवाचार को गति देने में शिक्षा-उद्योग-सरकार के सहयोग के महत्व पर विचार-विमर्श करने का एक अच्छा माध्यम रहा। आईआईटी अपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से प्रतिभा को पोषित करने और राष्ट्रीय रणनीतिक लक्ष्यों के साथ संरेखित अनुसंधान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह बातें गुरुवार को डीआरडीओ मुख्यालय डीएस एलसी मंगल ने कही।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग ने मेटामटेरियल एंटेना और अनुप्रयोगों पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन हुआ। आईआईटी कानपुर में डीआरडीओ-इंडस्ट्री-एकेडेमिया सेंटर ऑफ एक्सलन्स के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में शिक्षा जगत उद्योग और रक्षा अनुसंधान के प्रमुख लोग एंटीना तकनीक में अत्याधुनिक विकास की खोज के लिए एक साथ आए।
डीआरडीओ मुख्यालय के डीएस एवं डीजी (टीएम) एलसी मंगल ने रक्षा एवं नागरिक क्षेत्रों में उनके अनुप्रयोगों पर प्रकाश डालते हुए बहुक्रियाशील आरएफ उपकरण एवं प्रणाली पर मुख्य भाषण दिया।
आईआईटी कानपुर के डीन आरएंडडी प्रोफेसर तरुण गुप्ता ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं अनुसंधान को वास्तविक दुनिया में प्रभाव में बदलने के लिए महत्वपूर्ण हैं। डीआरडीओ उद्योग के लीडरों और अकादमिक विशेषज्ञों को एक साथ लाकर हम एक गतिशील पारिस्थितिकी तंत्र बना रहे हैं, जो स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास को गति देगा।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप