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इंदौर, 24 अप्रैल (हि.स.)। जब कुछ करने की ठान ली जाए, तो रास्ते खुद-ब-खुद बनते हैं। इंदौर की दिव्यांशी पांडे ने इसे साबित कर दिखाया है। यूपीएससी 2024 की फाइनल लिस्ट में उनका नाम 571वीं रैंक के साथ शामिल हुआ। उन्होंने चौथी बार में यूपीएससी में यह सफलता हासिल की है। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने गुरुवार को दिव्यांशी को सपरिवार बुलाकर मिठाई खिलाई, गुलदस्ता भेंट किया और कहा कि दिव्यांशी ने इंदौर का नाम रोशन किया है। उनकी सफलता से और भी युवा प्रेरित होंगे।
सुदामा नगर की रहने वाली दिव्यांशी एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। पिता मंदिरों में भगवान हनुमानजी का श्रृंगार करते हैं, मां गृहिणी हैं। साधारण परिवार की होकर भी देश सेवा के बड़े सपने थे। तीन बार प्रीलिम्स में असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। सब्र रखा, संघर्ष किया। इंदौर में रहकर पढ़ाई की, बीच में दिल्ली भी गईं। चौथे प्रयास में उनकी मेहनत रंग लाई।
यूपीएससी इंटरव्यू में जब उनसे उनके शौक के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने 'सिंगिंग' बताया। पैनल ने तीन गाने सुनाने को कहा, दिव्यांशी ने सुरों से सभी को प्रभावित कर दिया। इस सफर में उन्हें सबसे ज्यादा प्रेरणा मिली अपने फूफा मनीष पांडे से। वे नगर निगम की वर्कशॉप के प्रभारी हैं। दिव्यांशी कहती हैं कि “अगर उन्होंने विश्वास न जताया होता, तो शायद मैं फिर से प्रयास ही नहीं करती।”
आईआरएस या आईपीएस में चयन की उम्मीद लिए दिव्यांशी अब नई जिम्मेदारियों की ओर बढ़ रही हैं। इंदौर की इस बेटी की कहानी आज हर युवा के लिए एक सबक है- सपने बड़े रखो, कोशिश करते रहो, मंज़िल जरूर मिलेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर