एक्सपीएस से पदार्थों की रासायनिक प्रकृति को समझने के लिए महत्वपूर्ण : प्रो. थिरुवंचेरिल
कानपुर, 21 अप्रैल (हि.स.)। आईआईटी कानपुर में हम मानते हैं कि एक्सपीएस सुविधा केवल एक तकनीक नहीं है, बल्कि सूक्ष्म स्तर पर पदार्थों की रासायनिक प्रकृति को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। हमारी प्रतिबद्धता शोधकर्ताओं को उन्नत उपकरण और ज्ञान
कार्यक्रम के दौरान ली गयी ग्रुप फोटो


कानपुर, 21 अप्रैल (हि.स.)। आईआईटी कानपुर में हम मानते हैं कि एक्सपीएस सुविधा केवल एक तकनीक नहीं है, बल्कि सूक्ष्म स्तर पर पदार्थों की रासायनिक प्रकृति को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। हमारी प्रतिबद्धता शोधकर्ताओं को उन्नत उपकरण और ज्ञान प्रदान करना है। जो सामग्री विज्ञान संघनित पदार्थ और आणविक पदार्थों की सीमाओं को आगे बढ़ाने और नवाचार करने के लिए आवश्यक है। यह बातें सोमवार को समन्वयक प्रो. थिरुवंचेरिल जी गोपाकुमार ने कही।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) ने अपने एडवांस्ड सेंटर फॉर मैटेरियल्स साइंस (एसीएमएस) के माध्यम से मैटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के सहयोग से एक्स-रे फोटोइलेक्ट्रॉन स्पेक्ट्रोस्कोपी (एक्सपीएस) और नियर एम्बिएंट एक्सपीएस पर एक दिवसीय लघु संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में छात्रों और शोधार्थियों को एक्सपीएस के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक का पता लगाने के लिए एक साथ लाया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत एसीएमएस के प्रमुख और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर प्रो.अनीश उपाध्याय ने शिक्षा जगत, शोध संस्थानों और उद्योग के लिए उन्नत सामग्री लक्षण वर्णन को बढ़ावा देने में एसीएमएस की भूमिका पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला ने सामग्री और संघनित पदार्थ अनुसंधान में प्रगति के लिए आईआईटी कानपुर के समर्पण को मजबूत किया, प्रतिभागियों को आधुनिक उपकरण तकनीकों की महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि और क्षमताएं प्रदान की। इस कार्यक्रम ने सामग्री और संघनित पदार्थ में नवाचार और वास्तविक दुनिया की प्रगति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप