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कानपुर, 19 अप्रैल (हि.स.)। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह शनिवार को बिधनू ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय हड्हा का जायजा लेने पहुंचे। पंजीकृत 26 बच्चों के सापेक्ष मौके पर पंद्रह बच्चे ही मिले। पिछले दो वर्षो में बच्चों की संख्या में गिरावट आई है। जबकि सरकार द्वारा स्कूल चलो अभियान चलाया जा रहा है। प्राथमिक विद्यालय में बच्चों की संख्या में लगातार हो रही गिरावट चिंता का विषय है।
इस दौरान जिलाधिकारी को विद्यालय में अध्यापिका सपना और उनके सहकर्मी तो मिले परंतु बच्चे नहीं मिले। वहीं मिड डे मील का सैंपल रखने का नियम है। वह आज नहीं मिला। इस वजह से मिडडे मील की गुणवत्ता का सत्यापन नहीं हो सका।
अधिकारियों को मौके की स्थिति का निरीक्षण कर पंजिका में अपनी आख्या लिखनी चाहिए थी। ताकि शिक्षा की गुणवत्ता लगातार बढ़ती रहे। साथ ही कमियों को भी पूरा किया जा सके। इस पर उन्होंने कोई काम नहीं किया था। बल्कि अक्टूबर 2023 के बाद से उक्त प्राथमिक विद्यालय का अब तक किसी शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया। यह भी काफी चिंता का विषय है।
जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीम को भी यहां आना चाहिए, जबकि उनका आने का प्रावधान है। उनकी टीम को यह लिखना चाहिए कि कौन बच्चे मिले कौन नहीं। एक अध्यापक के सापेक्ष मात्र नौ बच्चे पढ़ते हैं। गुणवत्ता और भी अच्छी होनी चाहिए। सुविधाएं और अच्छी हो सकती है। उसका सदुपयोग हो सकता है। इसलिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शिक्षा की बेहतर गुणवत्ता उपलब्ध करानी चाहिए। इस पर और काम करने की जरूरत है। बीएसए को भी स्वयं और खंड शिक्षा अधिकारी के साथ-साथ अन्य संबंधित अधिकारियों को भी शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप