बांग्लादेश भेजी जा रही थी फर्जी पासपोर्ट रैकेट की कमाई, हवाला नेटवर्क का ईडी ने किया खुलासा
कोलकाता, 19 अप्रैल (हि. स.)।पश्चिम बंगाल में फर्जी पासपोर्ट रैकेट की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को हवाला के ज़रिए कमाई बांग्लादेश भेजे जाने के ठोस सबूत मिले हैं। ईडी ने पिछले सप्ताह इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू की थी और अ
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)


कोलकाता, 19 अप्रैल (हि. स.)।पश्चिम बंगाल में फर्जी पासपोर्ट रैकेट की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को हवाला के ज़रिए कमाई बांग्लादेश भेजे जाने के ठोस सबूत मिले हैं। ईडी ने पिछले सप्ताह इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू की थी और अब जांच में खुलासा हुआ है कि यह नेटवर्क न केवल बंगाल के सीमावर्ती ज़िलों में फैला हुआ था, बल्कि इसकी जड़ें बांग्लादेश तक जुड़ी हुई थीं।

सूत्रों के अनुसार, इस पूरे रैकेट में पैसों के लेनदेन का जो तरीका सामने आया है, उसमें नकद मुद्रा का ही इस्तेमाल हुआ है। जांच में यह भी पता चला है कि ये दो परतों वाला नेटवर्क था, जिसमें पहले चरण में बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध रूप से भारत में घुसपैठ करवाई जाती थी और उन्हें पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती गांवों में अस्थायी रूप से ठहराया जाता था।

इस चरण में प्रति व्यक्ति 1.5 लाख से दो लाख रुपये तक लिए जाते थे, जिसमें फर्जी जन्म प्रमाणपत्र, राशन कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड जैसी शुरुआती भारतीय पहचान पत्र बनवाए जाते थे। इसके बाद दूसरे चरण में 75 हजार से एक लाख रुपये तक लेकर उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर फर्जी भारतीय पासपोर्ट तैयार कराए जाते थे।

ईडी को संदेह है कि इस पूरे रैकेट से जो मोटी कमाई होती थी, वह हवाला के ज़रिए बांग्लादेश वापस भेजी जाती थी। हैरानी की बात यह है कि जिन बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत लाया गया, उन्हीं के देश में हवाला चैनल से पैसे भेजे गए। यह वित्तीय लेनदेन इस आशंका को जन्म देता है कि इस नेटवर्क का संबंध बांग्लादेश के किसी कट्टरपंथी संगठन से भी हो सकता है।

अब तक इस मामले में दो प्रमुख आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें एक भारतीय नागरिक आलोक नाथ और दूसरा बांग्लादेशी नागरिक आज़ाद मल्लिक शामिल है। मल्लिक ने कोलकाता में ‘मल्लिक ट्रेडिंग कॉरपोरेशन’ नाम से कंपनी चला रखी थी और उसने खुद के लिए भी फर्जी भारतीय दस्तावेज, यहां तक कि पासपोर्ट तक बनवाया था। वह अपने घर से ही हवाला नेटवर्क संचालित कर रहा था।

गौरतलब है कि पिछले महीने कोलकाता पुलिस ने इस मामले में अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें कुल 130 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें 120 बांग्लादेशी नागरिक हैं, जिन्होंने भारी रकम देकर फर्जी पासपोर्ट बनवाए, जबकि शेष 10 भारतीय नागरिकों पर इन दस्तावेजों की फर्जी व्यवस्था करने का आरोप है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर