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कठुआ 19 अप्रैल (हि.स.)। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज कठुआ के महिला अध्ययन प्रकोष्ठ और राजनीति विज्ञान विभाग ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कठुआ के सहयोग से “महिला अधिकारों की सुरक्षा और कार्यस्थल में महिलाओं का समावेश” विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित की।
पैनल चर्चा की शुरुआत कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर सीमा मीर द्वारा आमंत्रित पैनलिस्ट और कॉलेज के प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों के साथ औपचारिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद पैनलिस्ट एडवोकेट नैय्या शर्मा और एडवोकेट रामेश्वर चैहान का स्वागत किया। प्रथम पैनल चर्चा की शुरुआत एडवोकेट नैय्या शर्मा ने की और उनके चर्चा का विषय घरेलू हिंसा और इससे संबंधित मुद्दे थे। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा कोई निजी मामला नहीं है। यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। यह भेदभाव नहीं करता, यह महिलाओं को उम्र, जाति, शिक्षा या सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना प्रभावित करता है। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हमेशा शारीरिक नहीं होता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है। कोई औचित्य नहीं, कोई बहाना नहीं।
दूसरी पैनल चर्चा एडवोकेट रामेश्वर चैहान ने दी, जिसमें उन्होंने कार्यस्थल में महिलाओं को शामिल करने और महिला अधिकारों के संरक्षण के बारे में बताया। कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर सीमा मीर ने पैनल चर्चा के आयोजन के लिए महिला अध्ययन प्रकोष्ठ और राजनीति विज्ञान विभाग के प्रयासों की सराहना की। पैनल चर्चा में कॉलेज के वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रोफेसर नीलम भगत, डॉ राम सिंह, डॉ यश पॉल, प्रोफेसर शवनी साहनी, डॉ कुलबीर सिंह, डॉ सुनील दत्त, प्रोफेसर मीना देवी, प्रोफेसर राखी मल्होत्रा, प्रोफेसर रेणुका कुंडल, डॉ फिरदौस अहमद रेशी और प्रोफेसर इश्फाक अहमद शामिल हुए।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया