मालदा में राहत शिविर में पहुंचीं महिला आयोग की अध्यक्ष, दंगा पीड़ित महिलाओं की हालत पर बंगाल सरकार को घेरा
कोलकाता, 18 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले के बैष्णबनगर इलाके में स्थित एक राहत शिविर का दौरा किया और हाल ही में मुर्शिदाबाद में हुए साम्प्रदायिक दंगों के बाद विस्
एनसीडब्व्यू


कोलकाता, 18 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले के बैष्णबनगर इलाके में स्थित एक राहत शिविर का दौरा किया और हाल ही में मुर्शिदाबाद में हुए साम्प्रदायिक दंगों के बाद विस्थापित हुई महिलाओं से मुलाकात की। शिविर में महिलाओं की स्थिति देखकर रहाटकर स्तब्ध रह गईं और उन्होंने राज्य सरकार पर कड़े सवाल खड़े किए।

पारालालपुर हाई स्कूल में बने राहत शिविर के दौरे के बाद मीडिया से बात करते हुए रहाटकर ने कहा, “मैंने यहां महिलाओं और बच्चों से बातचीत की है। उन्होंने जो हालात झेले हैं, वह कल्पना से परे है। उन्हें जबरन घरों से निकाला गया, बच्चों के साथ भी अत्याचार हुआ। प्रशासन पूरी तरह विफल नजर आ रहा है।”

एनसीडब्ल्यू सदस्य अर्चना मजूमदार ने आरोप लगाया कि कई महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की गई और उन्हें जबरन उनके घरों से बाहर निकाल दिया गया। उन्होंने तीखे शब्दों में कहा, “राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो अपने नागरिकों को सुरक्षा दे। लेकिन यहां तो स्थिति भयावह है। क्या तृणमूल कांग्रेस की सरकार बंगाल को दूसरा बांग्लादेश बनाना चाहती है?

शिविर में मौजूद कई महिलाओं ने आयोग को बताया कि रात में पुलिसकर्मी आकर उन्हें धमकाते हैं और बाहरी लोगों से बात करने से रोकते हैं। एक महिला ने कहा, “यह कहना मुश्किल है कि हम राहत शिविर में हैं या किसी डिटेंशन सेंटर में।”

महिलाओं ने खाने की गुणवत्ता को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि सुबह से उन्हें सिर्फ सूखी रोटियां, केले और बासी चावल दिए जा रहे हैं। मजूमदार ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने शिविरों से रसोइयों को हटा दिया ताकि महिलाएं खाना न खा सकें।

कई महिलाओं ने आयोग से स्पष्ट कहा कि जब तक इलाके में स्थायी बीएसएफ कैंप नहीं बनाया जाता, वे अपने घर नहीं लौटेंगी। उन्होंने बताया कि उन्हें लगातार डराया जा रहा है और उन पर वापस लौटने का दबाव बनाया जा रहा है। मजूमदार ने कहा, “जब घर ही नहीं बचे हैं, तो ये महिलाएं कहां लौटें? पहले सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम तीन दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर है। मालदा के बाद शनिवार को यह टीम मुर्शिदाबाद जाएगी, जहां ज़िलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की जाएगी। रविवार को आयोग के प्रतिनिधि राज्यपाल, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से कोलकाता में मुलाकात करेंगे।

अर्चना मजूमदार ने दावा किया कि इन महिलाओं को केवल इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वे हिंदू हैं। आयोग ने सभी शिकायतों को दर्ज कर लिया है और जल्द ही पूरे घटनाक्रम पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगा।

उल्लेखनीय है कि शमशेरगंज, सुत्ती, धूलियन और जंगीपुर इलाके में 11 और 12 अप्रैल को वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी।

इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने भी शिविरों का दौरा कर पीड़ितों से बातचीत की थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर