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वाराणसी, 18 अप्रैल (हि.स.)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के विश्वविद्यालय खेल बोर्ड के तत्वावधान में 22 से 24 अप्रैल तक खेल चोटों की रोकथाम और पुनर्वास विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला विश्वविद्यालय क्रीड़ा परिषद के सेमिनार हॉल में आयोजित होगी।
इस तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य एथलीटों, प्रशिक्षकों और खेल प्रेमियों को खेलों के दौरान होने वाली चोटों की पहचान, रोकथाम और प्रबंधन के प्रति जागरूक करना है। कार्यशाला के संरक्षक एवं विश्वविद्यालय क्रीड़ा परिषद के महासचिव प्रो. बी.सी. कापड़ी ने बताया कि इसमें प्रतिभागियों को चोट के जोखिम को कम करते हुए उच्च प्रदर्शन बनाए रखने से संबंधित विशेषज्ञ व्याख्यान, व्यावहारिक प्रदर्शन और सत्रों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कार्यशाला प्रतिदिन अपराह्न 3:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक आयोजित की जाएगी, ताकि प्रतिभागी अपने शैक्षणिक कार्यों को प्रभावित किए बिना इसमें भाग ले सकें।
प्रो. कापड़ी ने बताया कि विश्वविद्यालय क्रीड़ा परिषद लगातार विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहा है। ऐसे में खिलाड़ियों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस तरह की कार्यशालाएं आज के समय में अत्यंत आवश्यक हो गई हैं।
कार्यशाला की आयोजन सचिव एवं विश्वविद्यालय खेल बोर्ड की सहायक निदेशक डॉ. कविता वर्मा ने बताया कि छात्रों और खेल पेशेवरों से मिल रही जबरदस्त प्रतिक्रिया उत्साहजनक है। खेलों में चोट की रोकथाम को लेकर सभी में जागरूकता और सीखने की ललक दिखाई दे रही है।
इस कार्यशाला में चार प्रतिष्ठित और अनुभवी विशेषज्ञ प्रशिक्षक विभिन्न सत्रों का संचालन करेंगे। व्याख्यानों के साथ-साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे प्रतिभागियों की समझ और कौशल को और सुदृढ़ किया जा सके।
प्रमुख सत्र और प्रशिक्षक
डॉ. राजेश कुमार मीना (प्रोफेसर, एनेस्थेसियोलॉजी, ट्रॉमा सेंटर बीएचयू)
डॉ. कविता मीना (एसोसिएट प्रोफेसर)
सीपीआर और खेल में आपातकालीन स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा पर सत्र का संचालन करेंगे।
डॉ. एस.एस. पांडे (सहायक प्रोफेसर, आईएमएस बीएचयू)
डॉ. जया दीक्षित (वरिष्ठ व्यावसायिक चिकित्सक, सर सुंदरलाल अस्पताल बीएचयू)
आम खेल चोटों और उनके पुनर्वास पर विशेषज्ञ सत्र लेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी