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जेद्दाह, 18 अप्रैल (हि.स.)। सात बार के फॉर्मूला वन वर्ल्ड चैंपियन लुईस हैमिल्टन ने सऊदी अरब ग्रां प्री से पहले फेरारी को लेकर बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि फेरारी को अक्सर 'क्राइसिस टीम' कहकर बुलाया जाता है और लोग इसकी मुश्किलों को ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं। हैमिल्टन इस सीज़न में फेरारी टीम के साथ दौड़ रहे हैं और उन्होंने टीम की ताकत और जुनून की भी तारीफ की।
'फेरारी इतिहास की सबसे बड़ी टीम, इसलिए ज्यादा चर्चा होती है'
हैमिल्टन ने एक आधिकारिक बयान में कहा, एक तरह से ये उम्मीद की ही जाती है। फेरारी फॉर्मूला 1 इतिहास की सबसे महान टीम है। ज़ाहिर है, इसके बारे में ज्यादा स्टोरीज़ लिखी जाती हैं और लोग अपनी-अपनी राय देते हैं। सब कुछ हमेशा सुचारू नहीं रहा है।
उन्होंने आगे कहा, इस टीम में कई शानदार चीज़ें हैं। हम इसके अंदर की ऊर्जा और जुनून को संभालना चाहते हैं। साथ ही इसे सुरक्षित भी रखना ज़रूरी है, क्योंकि इस टीम पर बाकी टीमों के मुकाबले ज़्यादा ध्यान रहता है।
जेद्दाह सर्किट हैमिल्टन का फेवरेट ट्रैक
हैमिल्टन ने जेद्दाह कॉर्निश सर्किट को अपना पसंदीदा ट्रैक बताया। हालांकि, इस ट्रैक को इसकी संकरी लेआउट और हाई-स्पीड कॉर्नर्स की वजह से खतरनाक भी माना जाता है।
हैमिल्टन ने कहा, मुझे ये ट्रैक बेहद पसंद है। ये बहुत तेज़ है और ड्राइवरों के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण भी। गर्मी, तापमान, हाई-स्पीड कॉर्नर्स में जी-फोर्स और तेज़ी से बदलते हालात इसे और मुश्किल बनाते हैं। इसे शब्दों में बयान कर पाना आसान नहीं।
रेस में वन-स्टॉप स्ट्रैटेजी का दबदबा
हैमिल्टन ने सर्किट की सतह को काफ़ी स्मूद बताया और कहा कि ज़्यादातर रेस में वन-स्टॉप स्ट्रैटेजी ही देखने को मिली है। हालांकि, अगर तापमान बढ़ता है तो टीमें दो पिट-स्टॉप करने पर मजबूर हो सकती हैं, जिससे रेस और रोमांचक बन सकती है।
शंघाई में पहली जीत, लेकिन अभी लंबा सफर
हैमिल्टन ने हाल ही में शंघाई स्प्रिंट रेस में अपनी पहली जीत दर्ज की है, लेकिन रविवार को हुई मेन रेस में बहरैन में वो पांचवें स्थान से आगे नहीं बढ़ सके। मीडियम टायर पर कार का प्रदर्शन बेहतरीन था, लेकिन सेफ्टी कार की एंट्री ने टीम की रणनीति बिगाड़ दी और हार्ड टायर लगाने पड़े, जिससे वो पोडियम की रेस में पिछड़ गए।
'नई कार में स्टाइल एडजस्ट करना चुनौतीपूर्ण'
हैमिल्टन ने कहा कि बहरीन में कार का अनुभव सकारात्मक रहा, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आगे की रेस में उसी तरह का प्रदर्शन दोहराया जा सकेगा। उन्होंने कहा, हर बार कार में बैठने पर पुरानी ड्राइविंग स्टाइल पर लौटना आसान होता है। लेकिन मैं कोशिश कर रहा हूं कि लगातार नई स्टाइल को अपनाता रहूं।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे