मलेरिया वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या, 83 देशों में सक्रिय: डॉ. पांडे
नैनीताल, 17 अप्रैल (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर नैनीताल के कला संकाय के सभागार में गुरुवार को राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के वैज्ञानिक-एफ, उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद निवासी डॉ. कैलाश पांडेय ने मलेरिया के निदान और वैक
व्याख्याता डॉ. कैलाश पांडे को व्याख्यान के बाद स्मृति चिन्ह भेंट करते कुमाऊं विवि के प्राध्यापक।


नैनीताल, 17 अप्रैल (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर नैनीताल के कला संकाय के सभागार में गुरुवार को राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के वैज्ञानिक-एफ, उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद निवासी डॉ. कैलाश पांडेय ने मलेरिया के निदान और वैक्सीन अनुसंधान में हालिया प्रगति पर शैक्षणिक व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने मलेरिया को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बताया, जो वर्तमान में 83 देशों में सक्रिय है। उन्होंने बताया कि मलेरिया के कुल मामलों में 94 प्रतिशत और इससे होने वाली कुल मृत्यु में 95 प्रतिशत मामले अफ्रीकी क्षेत्र में होते हैं।

डॉ. पांडेय ने डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित पहली मलेरिया वैक्सीन ‘मॉस्क्वीरिक्स’ की प्रभावकारिता, विकास और सीमाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वर्तमान में मलेरिया के विरुद्ध मोनोक्लोनल एंटीबॉडी पर कार्य हो रहा है और यह भविष्य में मलेरिया के उपचार में सहायक हो सकती है। कार्यक्रम प्रो. ललित तिवारी, विभागाध्यक्ष प्रो. हरीश बिष्ट, संकायाध्यक्ष प्रो. चित्रा पांडे, डॉ. दीपिका गोस्वामी, डॉ. हिमांशु लोहनी, डॉ. कुबेर गिनती, डॉ. उज्मा, डॉ. नवीन पांडे, डॉ. दीपक मेलकानी, डॉ. दिव्या पांगती, डॉ. नगमा, डॉ. संदीप मंडोली, डॉ. राशि, डॉ. सीता देवली, डॉ. नेत्रपाल, शोधार्थी आनंद कुमार, विशाल बिष्ट, लता नितवाल, गौरव प्रसाद, वसुंधरा, प्रिया, दिशा, लक्ष्मी सहित बड़ी संख्या में प्रीे-पीएचडी, जंतु विज्ञान और वनस्पति विज्ञान विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी