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जयपुर, 17 अप्रैल (हि.स.)। जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित तीन दिवसीय वाद्य महोत्सव का गुरुवार को सितार और हारमोनियम की सुरम्य धुनों के साथ समापन हुआ। इस मौके पर डॉ. विकास गुप्ता ने सितार पर लयात्मक धुन छेड़ी तो वहीं पं. राजेंद्र बनर्जी ने हारमोनियम वादन से श्रोताओं को सुकून की अनुभूती कराई।
लय और ताल से ओतप्रोत वाद्य महोत्सव के आखिरी दिन की शुरुआत डॉ. विकास गुप्ता ने संधि प्रकाश राग ‘पटदीप’ के साथ की जिसमें आलाप, जोड़ और झाला के उपरांत तीनताल में निबद्ध विलंबित और द्रुत रचनाएं प्रस्तुत की। इसके बाद उन्होंने राग ‘पीलू’ की भावपूर्ण प्रस्तुति दी जिसमें तीन ताल और दीपचंदी ताल में निबद्ध दो रचनाएं शामिल रहीं। इस दौरान तबले पर शैलेंद्र मिश्रा ने संगत की। दूसरी प्रस्तुति में पं. राजेंद्र बनर्जी ने हारमोनियम पर राग ‘जोग’ की मनभावन प्रस्तुति दी जिसमें सर्वप्रथम विलंबित फिर मध्यलय और आखिर में द्रुत लय की बंदिशें पेश की गई। इसके बाद राग ‘झिंझोटी’ में मध्यलय की बंदिश की प्रस्तुत दी और अंत में ‘हमरी अटरिया पे’ गीत को शास्त्रीय धुन के रूप में प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम का समापन हुआ। प्रस्तुति में ऋषि प्रतिमा बनर्जी ने हारमोनियम पर और स्वप्निल रावल ने तबले पर संगत की। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन प्रणय भारद्वाज ने किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश