दमोह: मिशन हॉस्पिटल लाइसेंस निलंबित होने के बाद अब कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगा प्रबंधन
मिशन हॉस्पिटल लाइसेंस निलंबित होने के बाद अब कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगा प्रबंधन
दमोह-ईसाई मिशनरी की मिशन अस्पताल का कैथ लेब सील


दमोह-ईसाई मिशनरी की मिशन अस्पताल का कैथ लेब सील


दमोह, 17 अप्रैल (हि.स.)। फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट के मामले में मिशन अस्पताल की मुश्किले है लगातार बढ़ती जा रही है जहां पहले फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट एंड जॉन कैंप को पुलिस ने गिरफ्तार किया था । लगातार उसकी पुलिस रिमांड बढ़ती जा रही है वही मिशन अस्पताल की कैथ लैब स्वास्थ्य विभाग द्वारा सील कर दी गई थी. वहीं डॉक्टर के फर्जी दस्तखत कर कैंथ लैब शुरू करने के मामले में अस्पताल संचालक डॉ अजय लाल सहित 9 पर एफआईआर दर्ज हुई थी वही अस्पताल के लाइसेंस के नवीनीकरण में त्रुटि पाए जाने पर प्रशासन ने मिशन अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया है और 3 दिन के अंदर सभी मरीजों को शिफ्ट कर अस्पताल बंद करने का आदेश दिया है।

गुरूवार को अस्पताल ने मेन गेट को बंद कर दिया। वहीं एक के बाद एक मिशन अस्पताल पर हुई कार्यवाही के मामले में जब अस्पताल प्रबंधन से बात की तो उनका कहना यह है कि अब वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि लाइसेंस निलंबन के मामले में उन्हें अपनी बात रखने का समय नहीं दिया गया वहीं आनन फानन में उनके खिलाफ एक-एक कर कार्रवाई की जा रही है, हालांकि प्रबंधन की माने तो उनका अस्पताल दमोह शहर का एकमात्र मल्टी स्पेशलिटी प्राइवेट अस्पताल है, जहां पर कैथ लेव, डायलिसिस यूनिट, सहित अन्य सुविधा मरीजों को दी जाती है अस्पताल बंद होने से मरीजों का काफी नुकसान होगा।

फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट एन जॉन केम के मामले में पुलिस की कार्यवाही लगातार जारी है। न्यायालय से लगातार तीसरी बार पुलिस ने रिमांड पर लिया है वहीं कैथ लेब शुरू करने में फर्जी दस्तक मामले में भी एफ आई आर दर्ज हो चुकी है पर इन सब के बीच जब से अस्पताल के बंद करने की खबर आई है कहीं ना कहीं स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एक बड़ी चिंता है दमोह जिले में इमरजेंसी सेवाओं के लिए मिशन अस्पताल को हमेशा जाना जाता है और जिस वजह से निलंबन किया गया है वह भी कुछ खास नहीं है ऐसे में प्रबंधन अब न्यायालय का ही दरवाजा खटखटाने की सोच रहा है।

डा.मुकेश जैन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दमोह का कहना है कि मिशन अस्पताल के लायसेंस को निलंबित किया गया है वह फिर से आवेदन कर सकते हैं अगर कोई कमी नहीं होगी तो उन्हे अस्पताल चलाने अनुमति दे दी जायेगी।

मिशन अस्पताल की प्रबंधक पुष्पा खरे का कहना है कि लायसेंस को निलंबित करने में जल्दबाजी की गई है। नियम के अनुसार उनको कमी की पूर्ति करने एवं न करने पर निलंबित करने की कार्यवाही करना थी। जो भी हो रहा है उसको लेकर उनका पक्ष मजबूत है अभी तक हम जबाब दे रहे थे अब वह जबाब देंगे न्यायालय में हम अपना पक्ष रखेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / हंसा वैष्णव