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- मुख्यमंत्री ने 36वें अंतरराष्ट्रीय विधायी ड्राफ्टिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम काे किया संबोधित
- कार्यक्रम में 13 देशों के प्रतिनिधियों ने किया भाग
चंडीगढ़, 16 अप्रैल (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विधायी ड्राफ्टिंग तैयार करते समय केवल कानून की भाषा ही नहीं,बल्कि समाज की भावनाओं,ज़रूरतों और संभावनाओं पर भी विचार करना आवश्यक है। एक अच्छा विधायी ड्राफ्ट न केवल मौजूदा समस्याओं का समाधान करता है,बल्कि समाज को प्रगति की दिशा में भी ले जाता है। इसलिए विधायी प्रक्रियाओं में स्पष्टता,समानता और नागरिक भागीदारी को विशेष महत्व दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बुधवार काे हरियाणा विधानसभा में 21 अप्रैल तक आयोजित किए जा रहे 36वें अंतरराष्ट्रीय विधायी प्रारूपण प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम लोकसभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस पहल में 13 देशों के कुल 28 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत को अपनी विधायी प्रणाली पर बहुत गर्व है जिसने सामाजिक न्याय, समावेशिता और पारदर्शिता में निरंतर मिसाल पेश की है। विधायी ड्राफ्टिंग केवल एक तकनीकी कार्य नहीं, यह एक दूरदर्शी प्रक्रिया है जो सामाजिक परिवर्तन की भावना को मूर्त रूप देती है, संवैधानिक मूल्यों को कायम रखती है और लोगों की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती है। उन्होंने कहा कि हमारे विधायी ड्राफ्टिंग एवं अनुसंधान संस्थान का आदर्श वाक्य है ‘प्रारूपण ज्ञानम अभ्यासेन शोभते’ अर्थात् सही ड्राफ्टिंग के लिए निरंतर अभ्यास और ज्ञान जरूरी है। आज का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भी इसी अवधारणा पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा विधानसभा ने विभिन्न तकनीकी और संरचनात्मक बदलाव किए हैं। हरियाणा विधानसभा ने डिजिटल विधायिका की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इससे विधायकों की कार्य क्षमता में वृद्धि हुई है और आम जनता तक सूचनाओं की पहुंच भी आसान हुई है। विधान ड्राफ्टिंग में अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम केवल एक औपचारिक अभ्यास मात्र नहीं है, बल्कि राष्ट्रों के बीच आपसी समझ, ज्ञान के आदान-प्रदान और विधायी पारदर्शिता की दिशा में एक सशक्त कदम है। यह मंच हमारे अनुभवों को साझा करने, एक-दूसरे की विधायी प्रणालियों को समझने और अपने-अपने लोकतांत्रिक संस्थानों को सशक्त बनाने का माध्यम है। आज जब विभिन्न देशों के प्रतिभागी एक साथ आए हैं, तो यह वैश्विक सहयोग और साझेदारी का प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन भारत के “वसुधैव कुटुम्बकम्” के शाश्वत दर्शन-दुनिया एक परिवार है, को और मजबूत करते हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के मार्गदर्शन में “प्राइड” वर्ष 1985 से क्षमता निर्माण कार्यक्रम चला रहा है। ऐसे प्रशिक्षणों की श्रृंखला में, यह विधायी ड्राफ्टिंग में 36वां अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य विधायी ड्राफ्टिंग कौशल को बढ़ाना है, जो विधायी प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उनके द्वारा प्राप्त बहुमूल्य अनुभव उनके कार्य क्षेत्रों में दक्षता और उत्साह बढ़ाएगा। कल्याण ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने संसदीय प्रणाली में सुधार और मजबूती के उद्देश्य से कई नई पहल की हैं। इन पहलों में विधायकों और विधानमंडल सचिवालय के कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना, युवा संसदों का आयोजन करना, सभी विधानमंडल दलों के नेताओं की बैठकें आयोजित करना, संसदीय प्रणाली शून्य काल की प्रभावशीलता को बढ़ाना, विधायकों को सार्वजनिक महत्व के मामले उठाने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करना और सदन में व्यवस्था और शिष्टाचार बनाए रखना शामिल है।
भारत सरकार के पूर्व विधि सचिव और प्राइड के पाठ्यक्रम निदेशक के.एन. चतुर्वेदी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का विस्तृत विवरण दिया और प्रभावी विधायी ड्राफ्टिंग के लिए प्रमुख आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। ग्रुप लीडर एलेजांद्रो निकोलस वीसन नेमलसेफ ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन के लिए हरियाणा विधानसभा और प्राइड का धन्यवाद किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा