फिल्म मेकिंग वर्कशॉप में छात्रों ने जानी लाइट और कैमरे की बारीकियां
-सीएसजेएमयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की तीन दिवसीय वर्कशॉप कानपुर, 16 अप्रैल (हि.स.)। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा तीन दिवसीय फिल्म मेकिंग वर्कशॉप का आयोजन रंगशिला प्रोडक्शन और जेआईएमएमसी
छात्रों को जानकारी देते विशेषज्ञ


-सीएसजेएमयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की तीन दिवसीय वर्कशॉप

कानपुर, 16 अप्रैल (हि.स.)। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा तीन दिवसीय फिल्म मेकिंग वर्कशॉप का आयोजन रंगशिला प्रोडक्शन और जेआईएमएमसी के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। यह कार्यशाला 15 से 17 अप्रैल तक आयोजित हो रही है। कार्यशाला के दूसरे दिन बुधवार को फिल्म के एक्सपर्ट्स ने छात्रों से बातचीत करके फिल्म की बारीकियां को समझाया।

--फिल्म मेकिंग सिखाती है टीमवर्क

कार्यशाला के दूसरे दिन सिनेमैटोग्राफर असीम बजाज ने छात्रों को कैमरा और फिल्म मेकिंग के बारे में बताते हुए कहा कि यह कोई अकेले करने का काम नहीं है। फिल्म पूरी टीम के भरोसे, तालमेल और जुनून से बनती है। उन्होंने कहा कि विश्वास और जोखिम लेने की भावना ही एक बेहतरीन फिल्म निर्माण की बुनियाद रखते हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म मेकिंग हमारा प्रोफेशन के साथ साथ पैशन भी होना चाहिए। उन्होंने छात्रों को कैमरा के पीछे की दुनिया को बताते हुए कैमरा के शॉट्स और एंगल्स को किस तरह किस जगह पर यूज के बारे में बताया। सेशन के दौरान उन्होंने छात्रों से सीधा संवाद किया। कलर साइकोलॉजी के बारे में उन्होंने कहा कि यह फिल्म मेकिंग का एक अहम हिस्सा है, जिसके माध्यम से हम कैरेक्टर के इमोशंस को प्रभावी रूप से दिखा सकते हैं।

--फिल्म मेकिंग में स्क्रीन राइटिंग है जरूरी

वर्कशॉप में में फिल्म मेकिंग पर बात करते हुए कहा सचिन मालवीय ने बताया कि किसी भी फिल्म को बनाने से पहले स्क्रीन राइटिंग बहुत जरूरी है इसके माध्यम से हम सेट पर अपने समय को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जितना ज्यादा समय हम प्री प्रोडक्शन में देंगे उतना ही बजट हम प्रोडक्शन के दौरान बचा सकते हैं, क्योंकि फिल्म के लिए बजट एक महत्वपूर्ण पहलू है।

--कहानी जितनी सिंपल, उतनी बेहतर

कार्यशाला के दूसरे सेशन में छात्रों से बातचीत करते हुए अवनीश मिश्रा ने कहा कि फिल्म में आपकी कहानी जितनी सिंपल होगी वह उतनी ही बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि फिल्म के लिए आइडिया भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने छात्रों को 24 घंटे फिल्म मेकिंग चैलेंज के लिए मार्गदर्शन किया। दूसरे सेशन में सबसे रोचक टास्क छात्रों को 30 मिनट में फिल्म मेकिंग काचैलेंज दिया गया जिसमें छात्रों को केवल पांच शॉर्ट्स के माध्यम से अपनी कहानी को एक्सपर्ट्स तक पहुंचाया।

इस अवसर पर कार्यशाला में विभागाध्यक्ष डॉ विशाल शर्मा, सहायक विभागाध्यक्ष डॉ ओमशंकर गुप्ता, डॉ. जितेन्द्र डबराल, डॉ. योगेन्द्र पांडेय, डॉ दिवाकर अवस्थी, डॉ. रश्मि गौतम, प्रेम किशोर शुक्ला, सागर कनौजिया समेत सभी सदस्य मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद