गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य यात्रा से जुड़े चिकित्सकों ने रचा सेवा का कीर्तिमान
भारत-नेपाल सीमा पर बसे 253 गांवों के 2,18,750 रोगियों का नि:शुल्क इलाज लखनऊ, 16 अप्रैल (हि.स.)। गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा से जुड़े चिकित्सकों ने भारत-नेपाल सीमा के सुदूर गांवों में 253 चिकित्सा शिविरों में 2,18,750 रोगियों का स्वास्थ्य परीक
चिकित्सा शिविर


गुरू गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा के कार्यक्रम को संबोधित करते प्रान्त प्रचारक कौशल


भारत-नेपाल सीमा पर बसे 253 गांवों के 2,18,750 रोगियों का नि:शुल्क इलाज

लखनऊ, 16 अप्रैल (हि.स.)। गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा से जुड़े चिकित्सकों ने भारत-नेपाल सीमा के सुदूर गांवों में 253 चिकित्सा शिविरों में 2,18,750 रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें नि:शुल्क दवाएं वितरित कर सेवा का कीर्तिमान रचा है। पांचवी स्वास्थ्य सेवा यात्रा को सफल बनाने में 58 चिकित्सा संस्थानों के 732 चिकित्सक व 707 मेडिकल के छात्रों ने सहयाेग किया।

यात्रा के संयोजक व किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के गैस्ट्रो मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. सुमित रूंगटा ने गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा से संबंधित जानकारी दी। डाॅ. सुमित रूंगटा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त प्रचारक कौशल की प्रेरणा से वर्ष 2019 में गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा प्रारम्भ हुई थी। तब से प्रतिवर्ष भाऊराव देवरस सेवा न्यास और नेशनल मेडिकोज आर्गनाइजेशन (एनएमओ) के सहयोग से गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस यात्रा के माध्यम से भारत-नेपाल सीमा के दूरस्थ ग्रामों में स्वास्थ्य शिविर लगा कर लाेगाें काे जागरूक करने के साथ उनका स्वास्थ्य परीक्षण के साथ नि:शुल्क दवाइयां भी वितरित की जाती हैं। उन्हाेंने बताया कि पहली बार 2019 में सीमा के 93 गांवों में चिकित्सा शिविर लगाकर 27,500 मरीजों को लाभान्वित किया गया था। इसके बाद से लगातार तमाम चिकित्सक इस यात्रा से जुड़ते गये। इस साल फरवरी 2025 में हुई पांचवी स्वास्थ्य सेवा यात्रा में 253 गांवों में चिकित्सा शिविर लगाये गये।

यात्रा के सह संयोजक डाॅ. भूपेन्द्र ने बताया कि 2025 में गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा के दौरान 253 गांवाें में चिकित्सा शिविर लगाये गये। इन चिकित्सा शिविरों के माध्यम से 2,18,750 मरीजों को लाभान्वित किया गया। डाॅ. भूपेन्द्र ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा ही राष्ट्र सेवा है, के संदेश को आत्मसात करते हुए एनएमओ के चिकित्सक प्रतिवर्ष भारत नेपाल सीमा के सुदूर गांवों में जाकर नि:शुल्क सेवाएं देते हैं। उन्हाेंने बताया कि इस बार महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती और लखीमपुर के सुदूर गांवों में शिविर लगाये गये। इसके अलावा जिन लोगों का आयुष्मान कार्ड नहीं बना उनका कार्ड बनवाया गया और लाेगाें काे स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान यदि कोई गंभीर बीमारी निकलती है तो उसे केजीएमयू या लोहिया बुलाकर उपचार कराया जाता है।

सेवा यात्रा में सहयोग करते हैं कई संगठन गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा के इस समाजसेवी कार्य में आरोग्य भारती, सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, विद्या भारती, सीमा जागरण मंच, विश्व हिन्दू परिषद और एकल अभियान के कार्यकर्ता सहयोग करते हैं। ऐसे संगठनों के 2008 कार्यकर्ताओं ने इस बार की यात्रा में सहयोग किया।

स्थायी सेवा प्रकल्प शुरू करने की बन रही योजना भाऊराव देवरस सेवा न्यास और नेशनल मेडिकोज आर्गनाइजेशन (एनएमओ) मिलकर सर्विक्स कैंसर के टीकाकरण और जल्द पहचान पर काम करने और एक स्थायी सेवा प्रकल्प शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है। स्थायी सेवा प्रकल्प यदि शुरू हो जाता है तो सीमा पर रहने वालों के लिए वरदान साबित होेगा।

सेवा यात्रा से जुड़े चिकित्सकाें व कार्यकर्ताओं का सम्मान 21 काे

एनएमओ के सचिव डाॅ. प्रभात पाण्डेय ने बताया कि​ 21 अप्रैल को गोमतीनगर विस्तार स्थित सीएमएस के सभागार में गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा से जुड़े चिकित्सकों व कार्यकर्ताओं का सम्मान समारोह रखा गया है। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले उपस्थित रहेंगे। यात्रा में सहयोग करने वाले विभिन्न संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ताओं और शिविर में प्रत्यक्ष रूप से सहभाग करने वाले चिकित्सकों को सम्मानित किया जायेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन