कुछ लोगों की सहूलियत को राजमार्ग प्रोजेक्ट में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता: हाईकोर्ट
-ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे पर अंडर पास का मामला प्रयागराज, 16 अप्रैल (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि गांव के कुछ निवासियों की सहूलियत के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्ट में हस्तक्षेप करना बुद्धिमत्तापूर्ण कार्य नहीं है। कोर्ट ने कह
इलाहाबाद हाईकाेर्ट्


-ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे पर अंडर पास का मामला

प्रयागराज, 16 अप्रैल (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि गांव के कुछ निवासियों की सहूलियत के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्ट में हस्तक्षेप करना बुद्धिमत्तापूर्ण कार्य नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि राजमार्ग प्रोजेक्ट की प्रकृति लोक महत्व की है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट लोगों की सहूलियतों को देखते हुए तैयार की जाती है। राजमार्ग पर अंडर पास बनाकर हर गांव का सम्पर्क कायम रखना संभव नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा आदेश नहीं दिया जा सकता बशर्ते ऐसा कार्य दुर्भाग्यपूर्ण व मनमानापूर्ण न किया गया हो। कोर्ट ने कहा कि राजमार्ग प्रोजेक्ट में बदलाव के लिए हस्तक्षेप का व्यापक असर होगा। प्रोजेक्ट डायरेक्टर के यह बताने पर कि गांवों के सम्पर्क का मार्ग प्रोजेक्ट में पहले से दिया गया है। कोर्ट ने समादेश जारी करने से इनकार कर दिया।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति दोनाडी रमेश की खंडपीठ ने बलिया के नगवा गांव के निवासी बृकेश कुमार पाठक की याचिका पर दिया है। याचिका में गांव के लोगों के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पर अंडरपास बनाने की मांग की गई थी।

प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि प्रोजेक्ट पूरा होने की कगार पर है। गांव वालों के लिए सम्पर्क मार्ग पहले से बनाए गए हैं। नया अंडर पास बनाने से प्रोजेक्ट में देरी होगी और निर्माण की प्रगति बाधित होगी। याची का कहना था कि प्रोजेक्ट गांव वालों की जरूरत पूरी नहीं कर रहा है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे