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प्रयागराज, 16 अप्रैल (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सामूहिक गोलीबारी की घटना में ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए दोषी ठहराए गए पांच लोगों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। घटना 1997 की शाहजहांपुर की है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने दोषियों की ओर से दाखिल पांच अलग-अलग अपीलें खारिज कर दी।
शाहजहांपुर के थाना निगोही में 17 मई 1997 को शिकायतकर्ता नरेंद्र पाल सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि जंगबहादुर सिंह, राजकुमार सिंह, देवेंद्र सिंह, जयपाल सिंह, अनिल कुमार सिंह, विजय कुमार सिंह, ओमप्रकाश सिंह, ननकू सिंह, राकेश सिंह, राजेंद्र सिंह और अन्य ने शराब पीकर गाली-गलौज करते हुए उनके चौपाल से गुजर रहे थे। जब उन्हें गाली-गलौज करने से मना किया, तो आरोपियों ने गोलीबारी कर दी। इस घटना में फकीरे सिंह, हीरा कुंवारी देवी, झिनक सिंह, नेपाल सिंह, राजकुमार सिंह और प्रेम पाल सिंह घायल हो गए।
घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान मुन्ना सिंह और फकीरे सिंह की मृत्यु हो गई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, शाहजहांपुर की अदालत ने 11 अगस्त 2016 को सभी आरोपियों को हत्या का दोषी ठहराया और कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई। इसके खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की।
हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए अपीलों को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ अपना मामला साबित करने में सफल रहा है। न्यायालय ने राकेश सिंह, राज कुमार और देवेंद्र सिंह को जेल में ही रखने का आदेश दिया, जबकि अपीलकर्ता राजेंद्र सिंह और ओम प्रकाश जो जमानत पर थे, उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने का निर्देश दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे