बसपा पूरी मजबूती से लड़ेगी 2027 का यूपी विधानसभा चुनाव: मायावती
लखनऊ, 16 अप्रैल (हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कहा कि बसपा साल 2027 में प्रस्तावित यूपी विधानसभा चुनाव पूरी मजबूती के साथ लड़ेगी और इसकाे लेकर रणनीति बनायी जा रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन में निष्क्रियता व लापरवाही कतई बर
बैठक करती बसपा प्रमुख मायावती


बैठक में मौजूद यूपी और उत्तराखंड राज्य से आए पदाधिकारी


लखनऊ, 16 अप्रैल (हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कहा कि बसपा साल 2027 में प्रस्तावित यूपी विधानसभा चुनाव पूरी मजबूती के साथ लड़ेगी और इसकाे लेकर रणनीति बनायी जा रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन में निष्क्रियता व लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कार्यकर्ता को संगठन को मजबूत करने और जनता तक पार्टी की नीतियों को पहुंचाने का निर्देश दिये।

बुधवार को प्रदेश कार्यालय पर बसपा की बैठक में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य के पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में बसपा प्रमुख ने 2 मार्च की बैठक में दिए गए निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट ली और इसमें पाई गई कमियों को तत्काल दूर करने को कहा। बसपा प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ता जा रहा है। भाजपा की डबल इंजन सरकार में करोड़ों गरीब, बहुजनों के समुचित हित, कल्याण एवं विकास के हिसाब से कार्य न करके पूर्व की सपा सरकार की तरह ही कुछ क्षेत्र व समूह विशेष के लोगों के लिए ही समर्पित है। उन्होंने कहा कि पूर्व की बसपा की सरकारों में कानून व्यवस्था, रोजगार, महिला, किसानों, उपेक्षितों के हितों की रक्षा-सुरक्षा और उन्हें न्याय दिलाने पर बल दिया गया था। इसलिए यूपी और उत्तराखंड में भाजपा की सरकारों को भी धर्म को कर्म के बजाए कर्म को धर्म मानकर कार्य करने का सही संवैधानिक दायित्य निभाना चाहिए।

बसपा मायावती ने कहा कि साल 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव काे लेकर रणनीति बनायी जा रही है। बसपा यह चुनाव पूरी मजबूती के साथ लड़ेगी। मायावती ने कहा कि दलित समाज के वोटों के स्वार्थ की खातिर बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर याद करने की होड़ सी लगी रही, लेकिन ऐसे समय पर भी उनकी प्रतिमाओं का अनादर व उनके अनुयाइयों को प्रताड़ित करने व हत्या की वारदातें साबित करती है कि इन बसपा विरोधियों में बाबा साहेब के प्रति आदर-सम्मान राजनीति से प्रेरित छलावा है। बाबा साहेब का आदर तभी संभव है जब उनके बनाये गए देश के मानवतवादी, कल्याणकारी संविधान को उनके धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के आधार सभी जातियों व धर्म के मानने वालों को एक समान बराबरी से जीने का हक दिया जाए। उनके जान माल व मजहब के सुरक्षा की गारंटी सरकार सुनिश्चित करें।

हिन्दुस्थान समाचार / दीपक वरुण