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मुंबई,14 अप्रैल ( हि.स.) । ठाणे शहर से लगा संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल अब दिन-प्रतिदिन सिकुड़ता जा रहा है, तथा उद्यान में वन्य जीव-जंतु मरते जा रहे हैं। भोजन की तलाश में आवारा या भटके हुए जंगली जानवरों के शहर में आने की घटनाएं बढ़ रही हैं और सोमवार को एक चीतल ( हिरणी) रास्ता भटक कर कसारवाड़ी एमबीसी पार्क में एक ट्रांसफार्मर केबिन में फंस चुकी थी। खबर मिलते ही इस बीच, पार्क में ठाणे वन विभाग की बचाव टीम ने रेस्क्यू कर हिरणी को सुरक्षित बचा लिया है और उसे वापस उसके आवास में छोड़ दिया है।
आज प्राप्त जानकारी के अनुसार वन विभाग को सूचना मिली कि सोमवार दोपहर को कासरवडावली एमबीसी पार्क के ट्रांसफार्मर केबिन में एक मादा चीतल हिरण घुस आईं है। हिरणीथ थोड़ी भयभीत थी,क्यो कि उसे भटकने से जंगल का रास्ता नहीं मिल रहा था। इस बार जैसे ही वन विभाग को हिरण के बारे में सूचना मिली तो संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से बचाव दल मौके पर पहुंच गया। वन मंडल अधिकारी रमाकांत मोरे ने बताया कि हिरणी को पकड़कर येऊर के वन रेंज अधिकारी मयूर सुरवसे के मार्गदर्शन में वापस जंगल में छोड़ दिया गया।
मादा हिरण को पकड़ने के बाद सबसे पहले वन विभाग के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनय जंगली ने बचाए गई हिरणी की जांच की। इसके बाद उन्हें उनके निवास पर छोड़ दिया गया। इस बचाव दल में प्रभागीय वनाधिकारी रमाकांत मोरे, सुभाष चव्हाण, विनोद ठाकुर, वैभव पाटिल व अन्य कर्मचारी शामिल थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा