Sunday, 20 April, 2025
बिन मौसम बरसात से किसानों की टूटी कमर, हुए मायूस
हमीरपुर, 13 अप्रैल (हि.स.)। रविवार को बिन मौसम बरसात किसानों के लिए मुसीबत बन गया है। गरज-चमक संग शनिवार की रात हुई बरसात से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। खेत में तैयार गेहूं फसल गिर गई साथ जिन किसानों का भूसा खेत में था तेज आंधी में उड़ गया। बिन मौसम
बिन मौसम बरसात से किसानों की टूटी कमर, मायूस


हमीरपुर, 13 अप्रैल (हि.स.)। रविवार को बिन मौसम बरसात किसानों के लिए मुसीबत बन गया है। गरज-चमक संग शनिवार की रात हुई बरसात से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। खेत में तैयार गेहूं फसल गिर गई साथ जिन किसानों का भूसा खेत में था तेज आंधी में उड़ गया। बिन मौसम बरसात ने किसानों की कमर एक बार फिर तोड़कर रख दिया है।

खेतों में लेट गई गेहूं की फसल को देख किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है। बटाई पर व कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों की बेचौनी बढ़ गई है। बेमौसम बारिश ने किसानों की गाढ़ी कमाई पर पानी फेर दिया है। खेत में तैयार फसल जमीन पर बिखर कर बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है। फसलों की दशा देख किसान गहरे सदमें में हैं। जिले के अधिकतर स्थानों पर खेतों में तैयार गेहूं और सरसों समेत अन्य फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। पिछले चार माह से गेहूं की फसल को लेकर किसान दिन रात एक कर दिए थे। ऐसे में गेहूं की फसल बिन मौसम बरसात और तेज आंधी ने किसानों का सपना तोड़कर चकानाचूर कर दिया। खेतों में लेटी फसल को देख किसान परेशान हैं। रबी की फसलों पर कुदरत ने ऐसा कहर ढाया कि खेतों में हाड़तोड़ मेंहनत करने वाले किसानों के सामने किसी तरह का चारा नहीं बचा है।

किसानों की आंख से नींद गायबकुदरत की मार ने एक बार फिर अन्नदाताओं की आंख से नीद उड़ा दी है। तेज हवा एवं बारिश से खेतों में तैयार गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। खेतों में फसलों को लेटा देख किसानों का कलेजा फटा जा रहा है। कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों की तो नींद ही उड़ गई है। तड़के गरज-चमक संग तेज हवा भी चली जिससे बची-खूची गेहूं की फसल धरासाई हो गई। जमीन पर गिरी फसलों को देख अन्नदाता बेचौन हो जा रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा