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जबलपुर, 13 अप्रैल (हि.स.)। जिले के स्वास्थ्य विभाग ने रविवार यानी छुट्टी वाले दिन भी अचानक कार्यालय खोलकर 15 दिन के नवजात शिशु के उच्च उपचार के लिए न केवल कागजी कार्यवाही संपन्न की बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों ने बाकायदा कार्यालय पहुंचकर नवजात को बेहतर स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को संपन्न कराया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पाटन निवासी स्वप्निल पटेल को 15 दिन पहले एक पुत्र की प्राप्ति हुई थी लेकिन अचानक की उसकी तबीयत बेहद खराब हो गई आनन फानन में उसे उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां जांच के बाद पता चला कि बच्चे के दिल में छेद है। जानकारी मिलते ही पीड़ित परिवार के ऊपर मानो पहाड़ सा टूट पड़ा। बच्चों के हृदय में छेद की बात को लेकर परेशान परिजनों ने जब डॉक्टर से अग्रिम उपचार के लिए परामर्श लिया तो उन्होंने जबलपुर जिला अस्पताल में संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की जानकारी देते हुए जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला से मुलाकात करने की बात कही।
परिजनों ने तत्काल ही सुभाष शुक्ला से फोन में संपर्क किया इधर बच्चे की हालत को देखते हुए छुट्टी वाले दिन भी जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला ने न केवल अपने कार्यालय को खुलवाया बल्कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संजय मिश्रा से संपर्क करते हुए उन्हें भी कार्यालय में बुला लिया। बाकायदा छुट्टी वाले दिन ही सारी कागजी कार्यवाहियां जल्द से जल्द पूर्ण कराई गई और फिर विभागीय दस्तावेजों में वरिष्ठ अधिकारियों के दस्तखत के बाद बच्चों के बेहतर उपचार की प्रक्रिया को शुरू किया गया।
विषय की जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि स्वप्निल पटेल के पुत्र विनायक पटेल जो की 15 दिन के हैं उनके हृदय में छेद है। क्योंकि आने वाले दो दिनों तक विभागीय छुट्टियां हैं और कार्यालय बंद रहेंगे ऐसे में बच्चों के उपचार में देरी होने से कुछ अनहोनी घटना भी घटना की आशंका थी लिहाजा मामले की गंभीरता को देखते हुए छुट्टी वाले दिन भी विभागीय कार्यालय खुलवाकर न केवल कागजी कार्यवाही पूर्ण की बल्कि बच्चों को उपचार के लिए मुंबई भी रवाना किया गया जहां राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चे का पूर्ण रूप से निशुल्क उपचार किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक