Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
इस्लामाबाद, 11 अप्रैल (हि.स.)। पाकिस्तान से अफगान नागरिकों के निर्वासन को रोकने के मानवाधिकार संगठनों के आह्वान को संघीय सरकार ने ठुकरा दिया। गृह राज्यमंत्री तलाल चौधरी ने कड़े शब्दों में कहा कि अफगान नागरिक कार्ड (एसीसी) धारकों के प्रत्यावर्तन की समय सीमा में किसी भी तरह का विस्तार नहीं किया जाएगा। यह समय सीमा 31 मार्च को समाप्त हो चुकी है। एसीसी कार्ड धारक अफगानिस्तान के नागरिकों को मुल्क से जाना ही होगा।
डान अखबार की खबर के अनुसार, तलाल चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन में गुरुवार को कहा कि दूसरे देशों का वीजा का इंतजार कर रहे लोगों के लिए पूरी तरह छूट संभव नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत मसलों पर विचार किया जा सकता है। बावजूद इसके पश्चिमी देशों में पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे हजारों अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान से निर्वासित कर दिया जाएगा, यदि उनके मेजबान देश उन्हें 30 अप्रैल तक स्थानांतरित नहीं करते हैं।
उन्होंने बताया कि अब तक 857,157 गैर-दस्तावेज विदेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजा जा चुका है। उन्होंने याद दिलाया कि अवैध विदेशी नागरिकों को वापस भेजने की नीति अक्टूबर 2023 से लागू है और इसके चरणों को सूचीबद्ध किया गया है। पहले चरण में बिना कानूनी दस्तावेजों के अनिर्दिष्ट विदेशियों को वापस भेजा गया। दूसरे चरण में अफगान नागरिक कार्ड धारकों को वापस भेजा जा रहा है। तीसरे चरण में जिनके पास पंजीकरण प्रमाण (पीओआर) कार्ड हैं, उन्हें निर्वासित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इन लोगों को निष्कासित करने का निर्णय वर्तमान जमीनी हकीकत और सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर लिया गया है। उन्होंने दावा किया कि यह देखा गया है कि अफगान नागरिक पाकिस्तान में नशीले पदार्थों के व्यापार और आतंकवाद में शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों को आश्रय, भोजन, चिकित्सा देखभाल और परिवहन सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। पंजीकृत अफगान नागरिकों का आंकड़ा साझा करते हुए मंत्री ने कहा कि 815,247 अफगान नागरिक कार्ड धारक हैं, जबकि 1,469,522 पीओआर कार्यक्रम के तहत पंजीकृत हैं।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद