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देहरादून, 1 अप्रैल (हि.स.)। सरकार का पूंजीगत परिव्यय 2024-25 में बढ़कर करीब 11 हजार करोड़ तक पहुंच गया है और अगले वित्तीय वर्ष में 15 हजार करोड़ रुपये पहुचांने का लक्ष्य रखा गया है। 2019-20 में राज्य का पूजीगत परिव्यय 5414 करोड़ था और 2024-25 में इसकी दो गुना बढ़त ली है। इसके अलावा राज्य कर में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
उत्तराखंड अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर ने देहरादून सचिवालय मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि पूंजीगत परिव्यय बढ़ाने में अन्य हिमालयी राज्य उत्तराखंड से बहुत पीछे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य कर भी बढ़कर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 9256 करोड़ रुपए पहुंच गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 11.5 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह आबकारी से गत वर्ष 4041 करोड़ रुपए के बजाय 2024-25 में 4300 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। साथ ही खनन राजस्व भी 2019-20 में 397 करोड़ के मुकाबले 2024-25 में 1035 करोड़ से अधिक पहुंच चुका है जो गत वर्ष 646 करोड़ रुपए था, गत वर्ष की तुलना ही खनन राजस्व में 60 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
आंकड़े बताते हैं अवैध खनन पर रोक के लिए परिवहन विभाग लगातार कार्यवाही कर रहा है, इसी क्रम में वित्तीय वर्ष 2024-25 में फरवरी माह तक ही 3,35,798 माल वाहक वाहनों की जांच कर 53,360 का चालान और 5,571 वाहनों को सीज किया गया। 1277 ट्रैक्टर ट्राली का चालान कर 563 को सीज किया गया, यही नहीं 48,252 माल वाहक वाहनों में ओवरलोडिंग के कारण, वाहन चालक का डीएल निलंबित किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण अनुकूल नीतियों के साथ काम कर रही है, यही कारण है कि एसडीजी सूचकांक में उत्तराखंड को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal