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काठमांडू, 01 अप्रैल (हि.स.)। नेपाल में राजशाही के पक्ष में पिछले एक महीने से लगातार हो रहे आंदोलन के कारण पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। मार्च महीना से लेकर अक्टूबर महीने तक नेपाल में पर्यटकों का सीजन रहता है लेकिन मार्च महीने की शुरुआत में ही पर्यटकों की संख्या में कमी आने से पर्यटन क्षेत्र पर इसका असर हुआ है।
नेपाल पर्यटन बोर्ड के तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक मार्च के महीने में जितने पर्यटकों के आने की अपेक्षा की गई थी, उसके मुताबिक पर्यटकों का आगमन नहीं हो पाया है। नेपाल पर्यटन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक राज जोशी ने बताया कि पिछले एक महीने से काठमांडू सहित देश की कई स्थानों में चल रहे आंदोलन के कारण पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के कारण पश्चिमी देशों के तरफ से जारी ट्रैवल एडवाइजरी के कारण विदेशी पर्यटक नेपाल आने से बच रहे हैं।
नेपाल पर्यटन बोर्ड ने मार्च महीने का तथ्यंक सार्वजनिक किया है जिसके मुताबिक मार्च महीने में सिर्फ एक लाख दस हजार पर्यटक ही नेपाल आए हैं जो कि वर्ष 2024 के मार्च महीने की तुलना में काफी कम है। पर्यटन बोर्ड के द्वारा जारी बयान के मुताबिक मार्च 2024 में जहां 1,70,000 पर्यटक नेपाल आए थे, वहीं इस वर्ष मार्च महीने में सिर्फ एक हजार पर्यटक ही आ पाए हैं। बोर्ड के सीईओ दीपक राज जोशी के मुताबिक पश्चिमी देशों के साथ-साथ दक्षिण एशिया और भारत की पर्यटकों की संख्या में भी काफी कमी आई है।
पर्यटन बोर्ड के मुताबिक दक्षिण एशिया से मार्च के महीने में आए पर्यटकों की संख्या 47000 के आसपास है जो कि पिछले वर्ष इसी महीने की तुलना में 15% काम है। कई पश्चिमी देशों के द्वारा नेपाल में आंदोलन के मध्य नजर ट्रैवल एडवाइजरी जारी करने के कारण मार्च महीने में यूरोप से पर्यटकों की संख्या में 10.5% की कमी आई है। इसी तरह अमेरिका से आने वाले पर्यटकों की संख्या में 7.6% की कमी आई है।
नेपाल पर्यटन बोर्ड की सबसे अधिक चिंता भारतीय पर्यटकों की कमी होने पर दिखाई दे रही है। पिछले वर्ष 2024 के मार्च महीने में जहां भारतीय पर्यटकों की संख्या 50000 के आसपास थी वहीं इस वर्ष नेपाल घूमने आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या सिर्फ 21000 पर सीमित हो गई है। पर्यटन बोर्ड के सीईओ जोशी के मुताबिक नेपाल में चल रहे आंदोलन को लेकर भारतीय सहित अंतरराष्ट्रीय मीडिया में जिस तरह से दिखाई जा रही है उसके कारण भी लोग नेपाल आने से बच रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास