राजभवन असम में उड़ीसा दिवस का आयोजन
गुवाहाटी, 01 अप्रैल (हि.स.)। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा कि असम और उड़ीसा का प्राचीन काल से ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध रहा है। इन संबंधों को उड़ीसा दिवस और असम दिवस जैसे आयोजनों के माध्यम से और भी सुदृढ़ किया जाता है।
राजभवन असम में उड़ीसा दिवस के आयोजन की तस्वीर।


राजभवन असम में उड़ीसा दिवस के आयोजन की तस्वीर।


गुवाहाटी, 01 अप्रैल (हि.स.)। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा कि असम और उड़ीसा का प्राचीन काल से ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध रहा है। इन संबंधों को उड़ीसा दिवस और असम दिवस जैसे आयोजनों के माध्यम से और भी सुदृढ़ किया जाता है।

श्री श्री माधवदेव अंतरराष्ट्रीय सभागार में आयोजित उड़ीसा स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि स्थापना दिवस का उत्सव किसी भी राज्य की पूर्ण राज्यत्व यात्रा का उत्सव होता है, जो उसकी विशिष्ट सांस्कृतिक विरासत को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन राष्ट्रीय एकता और गौरव को भी प्रोत्साहित करते हैं और राज्य की प्रगति और महत्वाकांक्षाओं को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करते हैं।

इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अन्य राज्यों के राज्यत्व दिवस मनाने का अवसर प्रदान किया।

राज्यपाल ने कहा कि बौद्ध काल के दौरान, यात्रा करने वाले भिक्षुओं ने असम और उड़ीसा के बीच संबंध स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पंद्रहवीं शताब्दी में असम के महान संत श्रीमंत शंकरदेव पुरी गए थे और वहां की संस्कृति से गहरा आध्यात्मिक संबंध स्थापित किया था।

आचार्य ने ब्रिटिश शासन के दौरान उड़ीसा के मजदूरों के असम के चाय बागानों में काम करने के लिए आने का उल्लेख किया, जिससे दोनों राज्यों के बीच घनिष्ठ संबंध बने। उन्होंने यह भी कहा कि प्रसिद्ध साहित्यकार लक्ष्मीनाथ बेजबरुवा ने उड़ीसा में रहकर साहित्य और संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसकी विरासत आज भी संबलपुर में देखी जा सकती है। राज्यपाल ने कहा कि दोनों राज्यों के इस संबंध को विकसित भारत की यात्रा को गति देने में उपयोग किया जा सकता है।

इस अवसर पर राज्यपाल ने उड़ीसा के उन महान व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके योगदान ने उड़ीसा की एकता और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने उड़ीसा और असम में रहने वाले उड़िया समुदाय के सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने कहा कि यह दिवस उड़ीसा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक गौरव और विकास यात्रा का प्रमाण है। साथ ही, उन्होंने पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में उड़ीसा की प्रगति की सराहना की।

समारोह में असम और उड़ीसा की साझा सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश