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काठमांडू, 01 अप्रैल (हि.स.)। सहकारी घोटाले में करीब तीन महीने तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद रिहा हुए पूर्व उपप्रधानमंत्री रवि लामिछाने ने मंगलवार को एक बार फिर से राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान संभाल ली है। उन्होंने स्पीकर से मुलाकात करके सांसद पर पुनर्बहाली की मांग की है। सहकारी घोटाले में गिरफ्तारी के बाद उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद पांच अलग-अलग जिला अदालतों से जमानत मिलने के बाद रवि लामिछाने अपनी पार्टी के अध्यक्ष पद पर फिर से बहाल हुए हैं।
अध्यक्ष पद की कमान संभालने के बाद मीडिया से बातचीत में रवि लामिछाने ने बताया कि वर्तमान सत्तारूढ़ गठबंधन की तरफ से षडयंत्र के तहत उन्हें फंसाया गया था। उन्होंने बताया कि तमाम षडयंत्र के बाद भी उनकी सबसे बड़ी जीत हुई है। रवि लामिछाने ने कहा कि उनकी पार्टी को तोड़ने के अनेक प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन पार्टी के नेताओं और सांसदों ने उनके प्रति विश्वास दिखाते हुए सत्ता पक्ष के षडयंत्र को नाकाम कर दिया।
प्रधानमंत्री की ओर से सोमवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी को नहीं बुलाए जाने पर रवि लामिछाने ने बताया कि कांग्रेस और एमाले उनकी पार्टी को बेवजह बदनाम करने के लिए राजशाही का पक्षधर होने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने बड़े दल के नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि लोकतंत्र का मतलब देउवा तंत्र और ओली तंत्र नहीं होता है। रवि लामिछाने का स्पष्ट कहना था कि उनकी पार्टी लोकतंत्र में विश्वास करती है, लेकिन ओली तंत्र और देउवा तंत्र के आगे वो नहीं झुकने वाले हैं।
पार्टी की कमान संभालने के साथ ही रवि लामिछाने ने पार्टी के बड़े नेताओं और सांसदों को लेकर प्रतिनिधि सभा के स्पीकर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने स्पीकर से निलंबित की गई संसद सदस्यता को बहाल करने की मांग की है। रवि लामिछाने का तर्क है कि जब अदालत से उन्हें जमानत मिल चुकी है, तो उनकी संसद सदस्यता भी बहाल कर दी जाए। राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के सांसदों ने जल्द से जल्द इस पर निर्णय लेने का आग्रह किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास