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रावलपिंडी, 01 अप्रैल (हि.स.)। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि यदि पार्टी समिति कोई निर्णय लेती है, तो खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के स्पीकर को इस्तीफा देना चाहिए। यह जानकारी पीटीआई नेता आजम स्वाती ने दी।
आजम स्वाती ने मंगलवार को रावलपिंडी की अदियाला जेल में इमरान खान से मुलाकात के बाद जेल से बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि पीटीआई संस्थापक ने सलमान अक़रम राजा की पार्टी के प्रति निष्ठा पर भरोसा जताया और कहा कि वह पार्टी नेतृत्व के खिलाफ नहीं जाएंगे।
स्वाती ने बताया कि उन्होंने इमरान खान को मानसेहरा में हो रही कथित भ्रष्टाचार की घटनाओं से अवगत कराया, जिस पर खान ने कहा कि पार्टी समिति को इस मुद्दे को आगे लाना चाहिए।
स्वाती ने आगे कहा कि इमरान खान ने केपी के पीटीआई अध्यक्ष अकबर द्वारा की गई नियुक्तियों को तुरंत रद्द करने का आदेश दिया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अकबर पार्टी नेतृत्व के रूप में अच्छा कार्य कर रहे हैं।
इसके अलावा, पंजाब में पार्टी से जुड़े मामलों पर भी चर्चा हुई, जहां अलीया हमज़ा को रोका जा रहा था, जबकि सरदार खान और इकराम उल्लाह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
स्वाती ने यह भी कहा कि पीटीआई के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा इमरान खान की रिहाई सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि केपी के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार पर चुप नहीं बैठे हैं और उन्होंने गंडापुर की अनुमति से खान से मुलाकात की थी।
इस बीच, पीटीआई महासचिव राजा ने कहा कि पंजाब नेतृत्व के खिलाफ शिकायतों पर चर्चा हो सकती है, लेकिन किसी बड़े आंतरिक संघर्ष की संभावना नहीं है।
इससे पहले, अदियाला जेल के बाहर पीटीआई नेताओं और जेल प्रशासन के बीच उस समय विवाद हो गया जब कई नेताओं को खान से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। हालांकि, कुछ नेताओं को मुलाकात की अनुमति दे दी गई। हालांकि इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) ने इमरान खान से मिलने के लिए मंगलवार और गुरुवार को निर्धारित दिन के तौर पर पहले ही बहाल कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने खैबर पख्तूनख्वा सरकार पर नजर रखने के लिए एक तीन-सदस्यीय समिति बनाई थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी मंत्री सत्ता का दुरुपयोग न करे। इस समिति में पूर्व गवर्नर शाह फ़ारमान, वरिष्ठ वकील क़ाज़ी अनवर और मलाकंद क्षेत्र के नेशनल असेंबली सदस्य जुनैद अकबर खान को शामिल किया गया था। हालांकि, बाद में अकबर को हटाकर ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) मुसद्दिक़ अब्बासी को शामिल किया गया, जो वर्तमान में खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के विशेष सहायक (एंटी-करप्शन) के रूप में कार्यरत हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय