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कहा- सरकार ने घरेलू उद्योग की सुरक्षा के लिए खराब आयातित वस्तुओं पर नकेल कसी
नई दिल्ली, 01 अप्रैल (हि.स.)। सरकार ने भारतीय बाजारों में घटिया वस्तुओं के आयात को रोकने और घरेलू उद्योग की रक्षा के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया है। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने फरवरी तक सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत वित्त वर्ष 2024-25 में 206.62 करोड़ रुपये मूल्य के घटिया माल के आयात के खिलाफ कुल 206 मामले दर्ज किए हैं।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष 2024-2025 (फरवरी, 2025 तक) में राजस्व खुफिया निदेशालय और सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत सीमा शुल्क क्षेत्रीय संरचनाओं की ओर से आईपीआर, बीआईएस और एफएसएसएआई मानदंडों का उल्लंघन करने वाले खराब वस्तुओं के आयात के खिलाफ कुल 206 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनकी कीमत 206.62 करोड़ रुपये है।
उन्होंने बताया कि घरेलू उद्योग को सस्ते आयात के प्रतिकूल प्रभाव से बचाने के लिए वाणिज्य विभाग का एक संबद्ध कार्यालय, व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर), घरेलू उद्योग की ओर से दायर विधिवत प्रमाणित याचिका के आधार पर सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम, 1975 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत विभिन्न जांच (एंटी डंपिंग, सुरक्षा (मात्रात्मक प्रतिबंध), काउंटरवेलिंग) करता है।
मंत्री ने बताया कि डीजीटीआर में प्राधिकारी घरेलू उद्योग की ओर से दायर आवेदनों की जांच करता है और सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम, 1975 के प्रावधानों के अनुसार आयातकों, निर्यातकों और अन्य इच्छुक पक्षों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं का मूल्यांकन करता है। इस जांच के आधार पर डीजीटीआर अंतिम विचार के लिए वित्त मंत्रालय को अपनी सिफारिशें देता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर