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कानपुर, 01अप्रैल (हि. स.)। छात्रों के समग्र विकास और मानसिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू), कानपुर ने आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सहयोग के तहत विश्वविद्यालय में आर्ट ऑफ़ लिविंग के परिवर्तनकारी युवा कार्यक्रमों को लागू किया जाएगा, जिससे न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता बल्कि छात्रों के मानसिक और भावनात्मक कल्याण को भी सुनिश्चित किया जाएगा। यह समझौता एमओयू मंगलवार को सेंटर फॉर एकेडेमिक्स भवन, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में आधिकारिक रूप से हस्ताक्षरित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने की।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक सहित वरिष्ठ संकाय सदस्य उपस्थित थे, जबकि आर्ट ऑफ़ लिविंग की ओर से राजेश जगासिया (कार्यक्रम निदेशक, आर्ट ऑफ़ लिविंग), दीप गर्ग (वरिष्ठ सदस्य, आर्ट ऑफ़ लिविंग) और अर्चित सक्सेना (संकाय, आर्ट ऑफ़ लिविंग) उपस्थित रहे। यह साझेदारी ऐसे समय में हुई है जब शैक्षणिक दबाव, करियर की अनिश्चितताएँ और डिजिटल ओवरलोड भारत के युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं।
कार्यक्रम निदेशक राजेश जगासिया ने बताया कि आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन, जिसे आध्यात्मिक गुरु गुरुदेव श्री श्री रविशंकर द्वारा स्थापित किया गया है, इस क्षेत्र में दशकों की विशेषज्ञता रखता है। 180 से अधिक देशों में अपनी उपस्थिति के साथ, यह संस्था आईआईटी, आईआईएम और अमेरिका की कई प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज़ सहित विभिन्न संस्थानों में इस प्रकार के कार्यक्रम सफलतापूर्वक चला चुकी है। इस साझेदारी पर बोलते हुए, आर्ट ऑफ़ लिविंग के राजेश जगासिया ने कहा, जैसा मन वैसा जीवन और आज की सूचना-प्रधान दुनिया में हर छात्र को अपने मन को संभालना सीखना चाहिए। आत्मविश्वास, उत्कृष्टता, स्पष्टता और अनुशासन संतुलित मन की विशेषताएँ हैं।
सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने इस समझौते को विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा, हमारे छात्र देश का भविष्य हैं, और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें संतुलित और पूर्ण जीवन जीने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करें। आर्ट ऑफ़ लिविंग के साथ हमारी यह साझेदारी हमारे विश्वविद्यालय के वातावरण में मानसिक स्वास्थ्य को एक अभिन्न हिस्सा बनाएगी, जिससे हमारे छात्र न केवल शैक्षणिक रूप से बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी आत्मनिर्भर और सशक्त बनेंगे।
आर्ट ऑफ़ लिविंग का युवा कार्यक्रम, विशेष रूप से युवाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो छात्रों को तनाव प्रबंधन, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाने और भावनात्मक मजबूती विकसित करने के व्यावहारिक उपकरण प्रदान करता है। इस कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण सुदर्शन क्रिया है, जो एक प्रभावशाली श्वास तकनीक है जो मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक संतुलन को बढ़ावा देती है। ध्यान, माइंडफुलनेस और इंटरैक्टिव कार्यशालाओं के संयोजन से, यह कार्यक्रम छात्रों को जीवनभर उपयोगी कौशल प्रदान करेगा ताकि वे आत्मविश्वास और संयम के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें। सीएसजेएमयू के छात्रों के लिए, यह पहल कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करेगी। एक प्रतिष्ठित संस्थान में शिक्षा प्राप्त करना अत्यधिक प्रतिस्पर्धी वातावरण, कठोर कार्यक्रमों और उच्च अपेक्षाओं के साथ आता है। यह युवा कार्यक्रम छात्रों को तनाव और चिंता को दूर करने की तकनीक सिखाएगा, जिससे वे अधिक शांत और केंद्रित मानसिकता विकसित कर सकें। शोध बताते हैं कि सुदर्शन क्रिया जैसी प्रथाएँ एकाग्रता में सुधार, रचनात्मकता को बढ़ावा और समग्र संज्ञानात्मक कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होती हैं—जो सीधे शैक्षणिक सफलता से जुड़ी होती हैं।
आज के दौर में, जब अवसाद और डिजिटल लत जैसी मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियाँ युवाओं के बीच तेजी से बढ़ रही हैं, यह पहल छात्रों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक रूप से समृद्ध बनने में सहायता करने के लिए एक सक्रिय समाधान प्रदान करती है।
इस मौके पर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो0 सुधीर कुमार अवस्थी, कुलसचिव डॉ0 अनिल कुमार यादव, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो0 अंशू यादव, प्रो0 संदीप कुमार सिंह, डॉ० किरन झा, डॉ० मानस उपाध्याय, डॉ० प्रशांत, विश्वविद्यालय के समस्त इकाइयों के कार्यक्रम अधिकारी, एनसीसी प्रभारी एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के सदस्यगण उपस्थित रहे | कार्यक्रम का सफल संचालन डा० मानस उपाध्याय द्वारा किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद