मां ब्रह्मचारिणी के पूजन से जातक को रोगों से मिलती है मुक्ति
महोबा, 31 मार्च (हि.स.)। चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन देवी मंदिर में भक्तों ने मां के द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी की आराधना कर परिवार की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। सुबह से ही माता रानी के दर्शन व पूजन को मंदिरों में श्रद्धालुओं के पहुंचने का
मां बड़ी चंद्रिका देवी


महोबा, 31 मार्च (हि.स.)। चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन देवी मंदिर में भक्तों ने मां के द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी की आराधना कर परिवार की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। सुबह से ही माता रानी के दर्शन व पूजन को मंदिरों में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया।

जनपद मुख्यालय स्थित मां बड़ी चंद्रिका देवी मंदिर, मां छोटी चंद्रिका मन्दिर, शारदा देवी मंदिर, गायत्री शक्तिपीठ, विंध्यवासिनी माता मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

जनपद मुख्यालय के आलमपुरा निवासी पंडित सत्यव्रत चतुर्वेदी ने बताया कि मां दुर्गा की नवशक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी है जहां ब्रह्म शब्द का अर्थ तपस्या है अर्थात तप का आचरण करने वाली देवी ब्रह्मचारिणी है। सभी 12 राशियों के लिए शुभ फल देने वाली मां ब्रह्मचारिणी को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है। इसलिए भक्त पूजा के समय गुलाबी या सफेद रंग के वस्त्र धारण कर मां का पूजन करें। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जातक को आदि और व्याधि रोगों से मुक्ति मिलती है। साथ ही भगवती ब्रह्मचारी के पूजन से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र द्विवेदी