सत्यवती बुआ तृप्ता की वार्षिक मेले का भव्य आयोजन संपन्न, विधायक मोहन लाल ने लिया आशीर्वाद
जम्मू, 31 मार्च (हि.स.)। चैत्र नवरात्रों के पावन अवसर पर सत्यवती बुआ तृप्ता का वार्षिक मेला 31 मार्च को धूमधाम से संपन्न हुआ। हजारों श्रद्धालुओं ने मेले में शिरकत कर बुआ तृप्ता के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर विधायक मोहन लाल ने भी द
सत्यवती बुआ तृप्ता की वार्षिक मेले का भव्य आयोजन संपन्न, विधायक मोहन लाल ने लिया आशीर्वाद


जम्मू, 31 मार्च (हि.स.)। चैत्र नवरात्रों के पावन अवसर पर सत्यवती बुआ तृप्ता का वार्षिक मेला 31 मार्च को धूमधाम से संपन्न हुआ। हजारों श्रद्धालुओं ने मेले में शिरकत कर बुआ तृप्ता के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर विधायक मोहन लाल ने भी देवस्थान पहुंचकर पूजा-अर्चना की और मेले की भव्यता को देखकर हर्ष व्यक्त किया। उनके साथ मुल्तान सिंह, जगदीश सिंह, नीरज शर्मा, मंगेश शर्मा, जयपाल, देव राज, अजय, आयुष, अनिल शर्मा, विशाल सपोलिया, सोहन लाल, सोनिया वर्मा, दीपक शर्मा, पवन सिंह, रोहित कुमार, रमन शर्मा आदि गणमान्य व्यक्ति मुख्य रूप से मौजूद रहे।

मेले में बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के झूले लगाए गए, जिससे बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया। वहीं, श्रद्धालुओं और आगंतुकों के लिए विभिन्न खरीदारी की दुकानें भी सजाई गई थीं, जहां परंपरागत वस्त्र, धार्मिक प्रतीक, मिठाइयां और सजावटी सामान की खरीदारी की गई। मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए भव्य भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।

तहसीलदार नरेश कुमार के नेतृत्व में प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किया गया, जिससे मेले का आयोजन निर्विघ्न और सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। बुआ तृप्ता के सेवकों और ग्रामवासियों ने सभी श्रद्धालुओं से परिवार सहित मेले में सम्मिलित होकर बुआ तृप्ता का आशीर्वाद प्राप्त करने की अपील की थी, जिसका भरपूर समर्थन देखने को मिला।

बुआ तृप्ता मेला एक 600 वर्ष पुरानी परंपरा का प्रतीक है, जिसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है। लोक मान्यता के अनुसार, यह मेला पवार राजा जगदेव सिंह से जुड़ा हुआ है, जिनकी कुल देवी बुआ तृप्ता थीं। उनकी स्मृति और श्रद्धा स्वरूप यह मेला हर वर्ष चैत्र नवरात्रों के दौरान आयोजित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि बुआ तृप्ता के सती होने के पश्चात, उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए 22 विभिन्न जातियों के लोग इस मेले में शामिल होते हैं। इस मेले का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है। दूर-दूर से श्रद्धालु इस मेले में आकर अपनी आस्था प्रकट करते हैं और बुआ तृप्ता के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं।

बुआ तृप्ता देवस्थान की 600 वर्ष पुरानी परंपरा के अनुरूप, इस वर्ष भी मेला श्रद्धा और आस्था का केंद्र बना रहा। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मुंबई समेत अन्य राज्यों से हजारों श्रद्धालु इस पावन आयोजन में सम्मिलित हुए और बुआ तृप्ता की कृपा प्राप्त की।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा