इरेडा की ऋण स्वीकृतियां 2024-25 में 27 फीसदी बढ़कर 47,453 करोड़ रुपये हुईं
नई दिल्ली, 31 मार्च (हि.स.)। भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (इरेडा) की ऋण स्वीकृतियां चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 27 फीसदी बढ़कर 47,453 करोड़ रुपये हो गईं है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में यह जानकारी दी है। इर
इरेडा के लोगो का प्रतीकात्मक चित्र


नई दिल्ली, 31 मार्च (हि.स.)। भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (इरेडा) की ऋण स्वीकृतियां चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 27 फीसदी बढ़कर 47,453 करोड़ रुपये हो गईं है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में यह जानकारी दी है।

इरेडा की ओर से जारी अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्‍त वर्ष 2024-25 2024-25 के लिए ऋण स्वीकृतियां 47,453 करोड़ रुपये रही हैं, जो पिछले वित्‍त वर्ष के 37,354 करोड़ रुपये से 27 फीसदी अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में 25,089 करोड़ रुपये की तुलना में ऋण वितरण 20 फीसदी बढ़कर 30,168 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह बकाया ऋण पुस्तिका में भी 28 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई, जो 31 मार्च, 2025 तक 76,250 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले वित्‍त वर्ष के 59,698 करोड़ रुपये से अधिक है। हालांकि, यह अनंतिम आंकड़े लेखापरीक्षा के अधीन हैं।

इरेडा के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार दास ने कहा, वित्त वर्ष 2024-25 के अंतिम दिन इरेडा के वार्षिक प्रदर्शन की घोषणा करना हमारे निवेशकों के साथ कॉर्पोरेट प्रशासन और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। उन्‍होंने कहा कि ऋण स्वीकृति, संवितरण और ऋण पुस्तिका में इरेडा की निरंतर वृद्धि अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

उन्‍होंने कहा कि हम अभिनव और सुलभ वित्तपोषण समाधानों के जरिए भारत के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दास ने कहा, मैं केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय राज्य मंत्री, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के मंत्रालय सचिव, एमएनआरई के हमारे निदेशक मंडल, नियामक और एमएनआरई तथा अन्य मंत्रालयों के अधिकारियों को उनके अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं टीम इरेडा के समर्पण और अथक प्रयासों की सराहना करता हूं, जिनकी प्रतिबद्धता हमारी सफलता का आधार है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर