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जयपुर, 31 मार्च (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने कर्मचारी की सेवा से जुड़े मामले में कहा है कि डिस्कॉम से राज्य सेवा में आए कर्मचारी भी पूर्व सेवाकाल के लाभ व पे प्रोटेक्शन प्राप्त करने के हकदार हैं। वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता को नियमित वेतन श्रृंखला और उसकी जेवीवीएनएल में पूर्व में की गई सेवा का भी लाभ दें। जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश ममता सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया।
याचिका में अधिवक्ता जीके जोशी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पूर्व में जेवीवीएनएल में लेखाधिकारी के पद पर नियुक्त हुई थी। इसके बाद में उसने राजकीय सेवा में भाग लिया और कॉलेज शिक्षा में सहायक आचार्य के पद पर उसे नियुक्ति दी गई, लेकिन विभाग ने याचिकाकर्ता को उसकी पूर्व में की गई सेवा का लाभ और पे प्रोटेक्शन नहीं दिया। इसे याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि हनी सिंह चौहान के मामले में हाईकोर्ट कह चुका है कि अन्य सेवा से राज्य की सेवा में आने पर भी कर्मचारी को पूर्व की सेवा के भी लाभ दिए जाएंगे। ऐसे में याचिकाकर्ता को पे प्रोटेक्शन से मना करना और पूर्व की सेवा के परिलाभ नहीं देना गलत है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को नियमित वेतन श्रृंखला और पूर्व सेवा का लाभ देने के लिए कहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक