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श्रीनगर, 31 मार्च (हि.स.)। सोमवार को पूरे कश्मीर में ईद-उल-फितर मनाई गई जिसमें डल झील के किनारे हजरतबल दरगाह पर सबसे ज्यादा संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए। हालांकि अधिकारियों ने पुराने श्रीनगर शहर में ईदगाह और ऐतिहासिक जामा मस्जिद में ईद की नमाज की अनुमति नहीं दी। दोनों स्थानों पर सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई थी।
अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद ने घोषणा की थी कि ईद की नमाज पुराने शहर में ईदगाह में सुबह 10 बजे होगी और अधिकारियों से धार्मिक आयोजन पर रोक नहीं लगाने का आग्रह किया। कश्मीर के मुख्य धर्मगुरु मीरवाइज उमर फारूक जिन्हें ईदगाह में ईद का उपदेश देना था ने दावा किया कि उन्हें सामूहिक नमाज से पहले नजरबंद कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला हजरतबल में नमाज अदा करने वाले प्रमुख व्यक्तियों में शामिल थे। घाटी के सभी जिलों से ईद की नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने की सूचना मिली है। सभी उम्र और लिंग के मुसलमान अपने सबसे अच्छे परिधानों में सजकर ईदगाहों, मस्जिदों और दरगाहों में नमाज अदा करने के लिए एकत्र हुए। इस दिन मुसलमान अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने जाते हैं और रमज़ान के उपवास के महीने के समापन को चिह्नित करने के लिए उपहार और शुभकामनाएँ देते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता