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अम्मान, 31 मार्च (हि.स.)। भारतीय पहलवान दीपक पुनिया ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में अपना तीसरा रजत पदक और कुल मिलाकर पांचवां पदक जीता, जबकि उदित को भी लगातार दूसरी बार उपविजेता रहकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। प्रतियोगिता के अंतिम दिन भारतीय पहलवानों ने दमदार प्रदर्शन किया, लेकिन स्वर्ण पदक जीतने से चूक गए।
25 वर्षीय दीपक पुनिया पेरिस ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके थे, लेकिन उन्होंने 92 किग्रा वर्ग में दमदार वापसी की। क्वार्टरफाइनल मुकाबले में उन्होंने किर्गिस्तान के बेकजात रखीमोव को कड़ी टक्कर देते हुए 12-7 से हराया। यह मुकाबला हाई-स्कोरिंग रहा,जिसमें दीपक ने शानदार दांव-पेंच दिखाए।
सेमीफाइनल में दीपक ने जापान के ताकाशी इशिगुरो को 8-1 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। स्वर्ण पदक मुकाबले में उन्हें ईरान के विश्व नंबर-1 अमीरोसैन बी. फिरोजपूरबंदपेई के खिलाफ करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। मैच में दीपक शुरू से ही रक्षात्मक मुद्रा में दिखे। उन्होंने शुरुआती दो मिनट में कोई आक्रामक दांव नहीं लगाया और आउट ऑफ बाउंड होने के कारण पहला अंक गंवा दिया। इसके बाद ईरानी पहलवान ने कई टेकडाउन किए और तकनीकी श्रेष्ठता (टेक्निकल सुपीरियोरिटी) के आधार पर मुकाबला जीत लिया। दीपक इससे पहले 2021 (अल्माटी) और 2022 (उलानबातार) में भी रजत पदक जीत चुके थे, जबकि 2019 और 2020 में कांस्य पदक अपने नाम किया था।
उदित ने 61 किग्रा वर्ग में भी शानदार खेल दिखाया। उन्होंने चीन के वनहाओ ज़ू को 2-0 से हराया, जबकि क्वार्टरफाइनल में किर्गिस्तान के बेकबोलोत मिर्ज़ानज़र उलु को 9-6 से मात दी। स्वर्ण पदक मुकाबले में उनका सामना विश्व नंबर-1 तकारा सूदा (जापान) से हुआ। मैच की शुरुआत में सूदा ने तेजी से सिंगल लेग अटैक करते हुए उदित को मैट से बाहर धकेलकर अंक जुटाए। फिर उन्होंने उदित की दाहिनी टांग पर हमला कर दो अंकों का टेकडाउन किया। उदित ने भी लेग अटैक करने की कोशिश की, लेकिन सूदा ने हेडलॉक में फंसाकर उनकी चाल विफल कर दी। दूसरे राउंड में उदित ने आक्रामक रणनीति अपनाई और दो बार सूदा के पैरों को पकड़ने में कामयाब रहे, लेकिन जापानी पहलवान ने जबरदस्त डिफेंस दिखाया और अंक नहीं गंवाए। अंततः उदित को 4-6 से हार का सामना करना पड़ा।
मुकुल दहिया कांस्य पदक जीतने से चूके
मुकुल दहिया (65 किग्रा) ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया, लेकिन पदक जीतने से चूक गए। उन्होंने सिंगापुर के वेंग लुएन गैरी चाउ को तकनीकी श्रेष्ठता से हराया और फिर किर्गिस्तान के विश्व नंबर-2 मुखम्मद अब्दुल्लाएव को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में पहुंचे। हालांकि, सेमीफाइनल में ईरान के विश्व नंबर-3 अबोलफज़ल वाई. रहमानी फिरूज़जई के खिलाफ उन्हें तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद कांस्य पदक के मुकाबले में भी वह जापान के तात्सुया शिराई से 2-4 से हार गए।
दिनेश का कांस्य पदक, जयदीप अहलावत बाहर
125 किग्रा वर्ग में भारत के दिनेश ने दमदार प्रदर्शन करते हुए क्वार्टरफाइनल में चीन के बुहीएर्डुन को तकनीकी श्रेष्ठता से हराया। लेकिन सेमीफाइनल में मंगोलिया के लखागवागेरल मुनख्तूर से 1-5 से हार गए। कांस्य पदक के मुकाबले में उनका सामना तुर्कमेनिस्तान के साफारोव जियामुहम्मद से हुआ। पहले राउंड में 0-6 से पिछड़ने के बाद दिनेश ने जबरदस्त वापसी की और 14-12 से मुकाबला जीतकर कांस्य पदक अपने नाम किया। 74 किग्रा वर्ग में जयदीप अहलावत का सफर जल्दी समाप्त हो गया। उन्हें पहले ही मुकाबले में जापान के हिकारू ताकाटा के खिलाफ 5-10 से हार झेलनी पड़ी।
भारत ने 10 पदकों के साथ समाप्त किया अभियान
भारत ने इस एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कुल 10 पदक जीते। हालांकि, स्वर्ण पदक न जीत पाने का मलाल जरूर रहेगा, लेकिन भारतीय पहलवानों का प्रदर्शन सराहनीय रहा। अब सबकी निगाहें ओलंपिक क्वालिफायर और आने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों पर होंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे