हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रहे ज​स्टिस तरूण अग्रवाल के निधन पर अ​धिवक्ताओं में शोक की लहर
नैनीताल, 30 मार्च (हि.स.)। नैनीताल उत्तराखंड हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रहे जस्टिस तरुण अग्रवाल का निधन हो गया। जस्टिस तरूण अग्रवाल ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और लॉ की डिग्री लेने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट से वकालत शुरू की थी। वह मेघालय हाईक
नैनीताल हाईकोर्ट।


नैनीताल, 30 मार्च (हि.स.)। नैनीताल उत्तराखंड हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रहे जस्टिस तरुण अग्रवाल का निधन हो गया। जस्टिस तरूण अग्रवाल ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और लॉ की डिग्री लेने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट से वकालत शुरू की थी। वह मेघालय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रहे। वह 69 वर्ष के थे। उनके निधन से अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों में शोक की लहर है। न्यायाधीश तरुण अग्रवाल का जन्म तीन मार्च 1956 को इलाहाबाद में हुआ था। वर्ष 1978 में उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कला में स्नातक और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई कर 09 दिसंबर 1981 को पंजीकरण कराया। उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सिविल लॉ, संवैधानिक, श्रम, वसीयतनामा अन्य मामलों में प्रैक्टिस शुरू की। वे 07 जनवरी 2004 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। 18 अगस्त 2005 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। जिसके बाद उन्हें उत्तराखंड उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया और 25 सितंबर 2009 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का पदभार ग्रहण किया। 25 सितंबर 2009 से 29 नवंबर 2009 तक कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे। न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल को 3 अक्टूबर 2012 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्हें 12 फरवरी 2018 को मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया था। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण मुंबई के पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / लता