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उदयपुर, 30 मार्च (हि.स.) । भारतीय नववर्ष संवत 2082 के शुभारंभ पर रविवार को उदयपुर में उमंग, उल्लास और राष्ट्रप्रेम का अद्भुत संगम देखने को मिला। भारतीय समाजोत्सव समिति के तत्वावधान में निकाली गई भव्य शोभायात्रा में बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया। महिलाएं भी पारम्परिक परिधानों में न केवल शामिल हुईं, बल्कि मंगल गीतों का गुंजार किया। शोभायात्रा संत-महंतों का सान्निध्य में निकली। संत-महंत सजी-धजी बग्घियों में बिराजित रहे। सामाजिक चेतना के संदेश देने वाली झांकियां भी आकर्षण का केन्द्र बनीं।
शोभायात्रा गांधी ग्राउंड से प्रारंभ होकर हाथीपोल, देहलीगेट, बापू बाजार, सूरजपोल, टाउन हॉल होते हुए नगर निगम प्रांगण पहुंची। पूरे मार्ग पर श्रद्धा, आस्था और भक्ति का माहौल बना रहा। शोभायात्रा की विशेषता यह रही कि इसमें मातृशक्ति ने सिर पर मंगल कलश धारण कर मंगलाचार गाते हुए यात्रा की अगुवाई की। स्त्रियों ने पारंपरिक वेशभूषा में नववर्ष की शुभकामनाएं दीं और भव्य कलश यात्रा ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
शोभायात्रा के दौरान युवाओं ने भगवा ध्वज लहराकर और जयघोष करते हुए भारतीय नववर्ष का भव्य स्वागत किया। नगर के विभिन्न स्थानों पर जगह-जगह शोभायात्रा का पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। मार्ग में कुछ स्थानों पर विभिन्न समाज-संगठनों की ओर से जलपान की भी व्यवस्था की गई।
शोभायात्रा में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया। महाकाल, श्रीराम दरबार, मां दुर्गा, भारत माता, पंच परिवर्तन, अहिल्याबाई होल्कर की सेवा समरसता , ग्राम विकास और पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य बोध और भारत की प्रगति, प्रयागराज महाकुंभ, स्वावलंबन और साक्षरता अभियान की झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। शोभायात्रा में अखाड़ों के जांबाजों ने अपने हैरतअंगेज करतब दिखाए, ढोल-नगाड़ों की गूंज और पारंपरिक वाद्ययंत्रों की ध्वनि ने माहौल को और उल्लासमय बना दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता