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नई दिल्ली, 30 मार्च (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा में आज हिंदू नव वर्ष के उपलक्ष्य में भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रम संवत् 2082 को यह आयोजन विधानसभा प्रांगण में दिल्ली सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया।
सांस्कृतिक संध्या के आयोजन में विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, कला एवं संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा उपस्थित रहे एवं अन्य माननीय सदस्य उपस्थित रहे।
आयोजन का प्रारंभ गणेश वंदना से हुआ जिसमें कलाकारों ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया। आयोजन में कैलाश खैर ने अपने स्वर से जहां सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया तो वहीं कैलासा बैंड की प्रस्तुति ने नए वर्ष की नई ऊर्जा का आवाहन किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि हिंदू नववर्ष और चैत्र नवरात्रि के अवसर पर, यह समय नवचेतना, संकल्प और सकारात्मक ऊर्जा के साथ जीवन को नई दिशा देने का है। यह भारतीय परंपरा और पंचांग से जुड़ा हुआ है, जो हमारी सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। हिंदू नववर्ष हमारे अद्वितीय इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है, जो वसुधैव कुटुंबकम् और अहिंसा परमो धर्मः जैसे मानवीय आदर्शों से प्रेरित है।
गुप्ता ने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति ने सदैव पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधा है। भारतीय सभ्यता समय की हर परीक्षा में खरी उतरी है और इसकी परंपराएं और मूल्यों का संरक्षण हमारा दायित्व है। नई पीढ़ी आधुनिक तकनीकी प्रभावों के कारण अपनी जड़ों से दूर होती जा रही है, और इसे भारतीय संस्कृति से जोड़ना आज की सबसे बड़ी चुनौती है। इस कार्य की शुरुआत परिवार और समाज से ही होनी चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता अपने वक्तव्य में कहा कि हमें एक राष्ट्रीय सांस्कृतिक नीति की आवश्यकता है, जिससे नई पीढ़ी सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बन सके। भारतीय संस्कृति अपने सहज, सरल और शालीन आचरण के लिए विश्वभर में प्रशंसा पाती है। हिंदू धर्म केवल एक धर्म नहीं, बल्कि एक विचारधारा है जो सहिष्णुता, अनुशासन और संवाद पर आधारित है। यह भारतीय जीवन दर्शन को अनमोल बनाता है और इसकी सुरक्षा करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए जोर दिया कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का हर कीमत पर संरक्षण होना चाहिए। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरणादायक शब्दों को साझा किया, जो राष्ट्रवाद, सांस्कृतिक गौरव, और भारतीय मूल्यों को अपनाने का संदेश देते हैं। उन्होंने नववर्ष के इस पावन अवसर पर सभी से यह संकल्प लेने की अपील की कि हम अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को न केवल अपनाएंगे, बल्कि उनकी हर स्थिति में रक्षा भी करेंगे। सांस्कृतिक संध्या के आयोजन में करीब 1500 लोग शामिल हुए जिनमें विभिन्न वर्गों से आए लोगों ने आयोजन का आनंद उठाया।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dhirender Yadav