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नई दिल्ली, 29 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उद्यमियों के लिए स्टार्टअप महाकुंभ का आयोजन करने जा रहा है। भारत मंडपम में 3-5 अप्रैल तक आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में देश के सबसे होनहार उद्यमी एकसाथ एक मंच पर आएंगे। स्टार्टअप महाकुंभ में एसटी उद्यमियों को उद्योग जगत के टॉप लीडर, पूंजीपति और प्रभावशाली निवेशक एक साथ भागीदारी करेंगे। इससे स्टार्टअप शुरू करने वालों को समावेशी आर्थिक विकास और सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में बताया कि स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में 45 से अधिक आदिवासी स्टार्टअप भाग लेंगे। इस सबसे बड़े कार्यक्रम में आदिवासी स्टार्टअप प्रदर्शित किए जाएंगे। इसके साथ देश की प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों के 300 छात्र भी भाग लेंगे। जनजातीय मामलों के मंत्रालय का उद्देश्य अनुसूचित जनजातियों के लिए स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है। यह मंत्रालय के 100-दिवसीय एजेंडे के तहत एक प्रमुख पहल है।
एमओटीए द्वारा
आबा ट्राइबप्रेन्योर्स 2025 जनजातीय की स्थापना एक प्रमुख पहल है, जो एक सम्मानित आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में है। सरकार इस वर्ष को आदिवासी उद्यमिता, नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित कर रही है। स्टार्टअप महाकुंभ के जरिए आदिवासी उद्यमियों को सशक्त बनाकर जनजातीय कार्य मंत्रालय बिरसा मुंडा के आत्मनिर्भर और सशक्त आदिवासी समुदाय के दृष्टिकोण को सुदृढ़ कर रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी