सव मोटर्स के खाते से धोखाधड़ी कर तीन लाख 63हजार निकालने वाले दो ठग गिरफ्तार
गाजियाबाद, 29 मार्च (हि.स.)। सर्विलांस टीम ट्रांस हिंडन जोन व थाना लिंकरोड पुलिस टीम ने शनिवार को सव मोटर्स प्रालि कम्पनी के खाते से अवैध तरीके से तीन लाख63हजार 473 रुपये निकालने वाले 02 ठगों गिरफ्तार को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से भिन्न-भिन्न घ
आरोपी पुलिस हिरासत में


गाजियाबाद, 29 मार्च (हि.स.)। सर्विलांस टीम ट्रांस हिंडन जोन व थाना लिंकरोड पुलिस टीम ने शनिवार को सव मोटर्स प्रालि कम्पनी के खाते से अवैध तरीके से तीन लाख63हजार 473 रुपये निकालने वाले 02 ठगों गिरफ्तार को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से भिन्न-भिन्न घटनाओं में प्रयुक्त 07 मोबाइल फोन, 16 सिम कार्ड, 02 डेबिट कार्ड, 01 ड्राइविंग लाइसेंस, 02 पैन कार्ड व अलग- अलग बैक खातों से सम्बन्धित अन्य प्रपत्र बरामद हुए हैं।

डीसीपी ट्रान्स हिंडन निमिष दशरथ पाटिल ने बताया कि 26मार्च को थाना लिंकरोड पर आनन्द वर्मा निवासी बी-41 मोहन पार्क शाहदरा दिल्ली की लिखित तहरीर दी कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल नं.9870413741 के जरिये कम्पनी के (सव मोटर्स प्रालि) एसबीआई खाता सं.- 35247392554 से धोखाधड़ी कर अवैध तरीके से तीन लाख63हजार 473 रुपये निकाल लिए।

तत्काल थान लिंकरोड पुलिस ने तहरीर के आधार पर धारा 66डी सूचना प्रोधौगिकी (संशोधन) अधिनियम व धारा 318(4) बीएनएस में अभियोग पंजीकृत किया गया । घटना को गंभीरता से लेते हुए टीमों का गठन किया गया । जाँच में पता चला कि अनिल सहगल व दीपक बंसल ने 28मार्च को पुनः कम्पनी के मालिक को खाता संख्या सम्बन्धी जानकारी लेने हेतु कॉल किया गया । सर्विलांस टीम व थाना लिंकरोड पुलिस ने मोबाइल नंबर को ट्रेस कर घटना में संलिप्त अनिल सहगल निवासी संतनगर हनुमान मंदिर से अगली गली थाना बुराडी दिल्ली तथा दीपक बंसल निवासी रामविहार डीएलएफ अंकुर विहार थाना अंकुर विहार को सनसाईन बैरियर दिल्ली बाॅर्डर से गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार अनिल सहगल व दीपक बंसल से पूछताछ करने पर यह तथ्य प्रकाश में आये कि ये अभियुक्तगण आटो मोबाइल्स एजेन्सीज / कम्पनी को टारगेट करते हैं । इनके द्वारा एजेन्सी की नेट पर डिटेल सर्च करते हैं तथा गूगल से एजेंसियों के मोबाइल नम्बर लेकर फर्जी आईडी के सिम से गाड़ी बुक कराने के नाम पर फोन करते हैं और उनसे गाड़ी बुक कराने के लिए कोटेशन प्राप्त करते हैं । कोटेशन मिलने के बाद पेमेंट करने के लिए आरोपी उनसे उनका बैंक खाता नम्बर मांगते हैं और बैंक का विवरण मांगते है ं। बैंक डीटेल प्राप्त होने पर आईएफएससी से बैंक मैनेजर का नाम वमोबाइल नम्बर प्राप्त कर मैनेजर को कम्पनी / एजेन्सी का मालिक बनकर आवाज बदलकर अपने फर्जी सिम से काल कर कम्पनी / एजेन्सी का खाता नम्बर बताते हुए खाते का बैलेंस पूछकर अपने किसी अन्य साथी द्वारा खुलवाये गये बैंक खाते में आरटीजीएस या एनईएफटी करने के लिए कहते है। बैंक मैनेजर द्वारा ट्रांसफर किये गये रुपयों को तुरन्त निकाल लेते हैं या कुछ पैमेंट यूपीआई के माध्यम से ट्रांसफर कर देते हैं । फर्जी सिम / खाता उपलब्ध करवाने वाले व्यक्ति को फ्राॅड की गयी धनराशि में से कुछ प्रतिशत दे देते हैं ।

हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली