(अपडेट) म्यांमार में विनाशकारी भूकंप, मरने वालों की संख्या 1,644 हुई
बैंकॉक, 29 मार्च (हि.स.)। म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,644 हो गई है। शनिवार को म्यांमार की सैन्य सरकार ने राज्य टेलीविजन पर इसकी पुष्टि की। राहत एवं बचाव दल लगातार मलबे से शव बरामद कर रहे
म्यांमार में विनाशकारी भूकंप, मरने वालों की संख्या 1,644 पहुंची


म्यांमार में विनाशकारी भूकंप, मरने वालों की संख्या 1,644 पहुंची


बैंकॉक, 29 मार्च (हि.स.)। म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,644 हो गई है। शनिवार को म्यांमार की सैन्य सरकार ने राज्य टेलीविजन पर इसकी पुष्टि की। राहत एवं बचाव दल लगातार मलबे से शव बरामद कर रहे हैं, जिससे मृतकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

इससे पहले दिन में मृतकों की संख्या 1,002 बताई गई थी, लेकिन राहत अभियान तेज होने के साथ यह संख्या तेजी से बढ़ी। अब तक 3,408 लोग घायल हो चुके हैं और 139 लोग लापता बताए जा रहे हैं। अधिकारियों को आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि कई इमारतें पूरी तरह से जमींदोज हो गई हैं।

भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले के पास था, जहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। राजधानी नेपीतॉ में भी कई सरकारी इमारतें ढह गईं। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है, लेकिन भूकंप के कारण एयरपोर्ट को नुकसान पहुंचने से सहायता पहुंचाने में मुश्किलें आ रही हैं।

राहत दल मलबे में फंसे लोगों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, देश में चल रहे गृहयुद्ध और राजनीतिक अस्थिरता के कारण राहत कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। म्यांमार पहले से ही मानवीय संकट से जूझ रहा है, जिससे आपदा प्रबंधन और भी कठिन हो गया है।

भूकंप के बाद राजधानी नेपीतॉ में बिजली, टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं ठप हो गई हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि सड़कों की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है, लेकिन संचार सेवाओं को बहाल करने में वक्त लग सकता है।

इस विनाशकारी भूकंप के झटके थाईलैंड तक महसूस किए गए। राजधानी बैंकॉक में कई इमारतें हिल गईं, जबकि चातुचक मार्केट के पास निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत ढहने से 10 लोगों की मौत हो गई और 78 लोग लापता हैं।

राहत अभियान में लगे अधिकारियों ने शनिवार को और अधिक भारी मशीनें मलबा हटाने के लिए भेजी हैं, लेकिन मलबे में फंसे लोगों के जीवित बचने की उम्मीद कम होती जा रही है।

भूकंप के प्रभाव से सड़कें फट गईं, पुल ढह गए और कई बांधों में दरारें आ गईं। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि नुकसान का पूरा आकलन करने में समय लगेगा, लेकिन म्यांमार के हालात को देखते हुए राहत कार्य में और चुनौतियां आ सकती हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय