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रांची, 29 मार्च (हि.स.)। बहुचर्चित अलकतरा घोटाले में 28 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन सहित पांच आरोपितों को तीन-तीन साल की सजा और 15-15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सजा पाने वालों में इलियास हुसैन, शहाबुद्दीन बेग, पवन कुमार अग्रवाल, अशोक कुमार अग्रवाल और विनय कुमार सिन्हा शामिल हैं।
वहीं मामले में ट्रायल फेस कर रहे सात आरोपितों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में 28 साल बाद मुकदमे से बरी कर दिया गया। इनमें केदार पासवान, गणपति रामनाथ, शीतल प्रसाद माथुर, तरुण कुमार गांगुली, रंजन प्रधान, शोभा सिन्हा और महेश चंद्र अग्रवाल को बरी किया। अदालत ने बीते 22 मार्च को दोनों पक्षों की अंतिम बहस पूरी होने के बाद फैसले की तारीख निर्धारित की थी। साल 1994 के घोटाले का पर्दाफाश 1997 में हुआ। इसके बाद सीबीआई ने मंत्री सहित अन्य अधिकारियों और आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच प्रारंभ की थी। मामला हजारीबाग का रोड निर्माण से जुड़ा हुआ था। कुल 27.70 रुपये का घोटाला किया गया था। 510 मीट्रिक टन अलकतरा की सप्लाई आरसीडी हजारीबाग को करनी थी। आरसीडी हजारीबाग को सप्लाई नहीं की गयी। इसे कागजों में दिखाया गया। मामले में पवन करियर नाम की कंपनी से अलकतरा सप्लाई किये जाने के फर्जी पेपर बनवाए गये थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे