राजधानी भोपाल में बनेंगे सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज द्वार
- मुख्यमंत्री ने भारतीय नव वर्ष के अवसर पर कवि सम्मेलन में किया संतों और कवियों का सम्मान भोपाल, 29 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि राजधानी भोपाल का महत्व ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बाद बढ़ गया है। राज्य सरकार विरासत से विकास को प्रम
भारतीय नव वर्ष के अवसर पर कवि सम्मेलन


भारतीय नव वर्ष के अवसर पर कवि सम्मेलन


- मुख्यमंत्री ने भारतीय नव वर्ष के अवसर पर कवि सम्मेलन में किया संतों और कवियों का सम्मान

भोपाल, 29 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि राजधानी भोपाल का महत्व ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बाद बढ़ गया है। राज्य सरकार विरासत से विकास को प्रमुख मानती है। इस नाते भोपाल के गौरवशाली इतिहास का स्मरण आवश्यक है। सम्राट विक्रमादित्य ने न्याय, वीरता और सुशासन के आयाम स्थापित किए। ऐसा ही उनके शासनकाल के 1000 वर्ष पश्चात राजा भोज ने भी सुशासन और जल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में उदाहरण प्रस्तुत किया। सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज के नाम पर राजधानी में दो द्वार बनाए जाएंगे। भोपाल से इंदौर की ओर जाने वाले मार्ग पर सम्राट विक्रमादित्य मार्ग और भोपाल से भोजपुर की दिशा में राजा भोज द्वार का निर्माण होगा।

मुख्यमंत्री डॉ यादव शनिवार की शाम भोपाल में हिंदू नववर्ष की पूर्व संध्या पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। अटल पथ, प्लेटिनम प्लाजा, माता मंदिर, तात्या टोपे नगर, भोपाल में आयोजित इस सम्मेलन के मंच से मुख्यमंत्री डॉ यादव ने मंच से विक्रम संवत 2082 प्रारंभ होने पर समस्त नागरिकों को बधाई दी। उन्होंने कवि सम्मेलन में देशभर से पधारे कवियों का स्वागत किया। उन्होंने इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख संतों का भी मंच पर सम्मान किया।

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने सम्राट विक्रमादित्य द्वारा सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों का विशेष रूप से उल्लेख किया, साथ ही विक्रम संवत प्रणाली और भारतीय काल गणना पद्धति की भी जानकारी दी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ यादव का विशेष स्वागत किया गया। उनका विशाल पुष्प हार से स्वागत किया गया। कार्यक्रम को विधायक रामेश्वर शर्मा ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में तेजी से प्रगति हो रही है। कार्यक्रम में सांसद विष्णु दत्त शर्मा, हितानंद शर्मा, पूर्व सांसद आलोक संजार, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, रविंद्र यति, सुमित पचोरी एवं अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

आमंत्रित कवियों में शशिकांत यादव शशि (मुख्य संचालन, देवास), पद्मश्री डॉ. सुनील जोगी (हास्य सम्राट, नई दिल्ली), पद्मश्री डॉ. कुञ्ज बिहारी दुबे (व्यंग्यकार, रायपुर), सुषमा वर्मा तिवारी (वीर रस, लखनऊ) जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। कवि सम्मेलन देर रात्रि तक चला।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर