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- राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन एवं विज्ञान उत्सव में युवा वैज्ञानिक हुए पुरस्कृत
उज्जैन, 29 मार्च (हि.स.)। महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ तथा मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन एवं विज्ञान उत्सव का शनिवार को समापन हुआ। इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए देशभर से पधारे वैज्ञानिकों ने कहा कि प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक विरासत ही विकास का मार्ग प्रशस्त रही है। सम्मेलन में विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट शोध कार्य प्रस्तुत करने वाले युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा पुरस्कृत किया गया।
पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने युवा वैज्ञानिकों को सम्मानित करते हुए विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना की। इस अवसर पर मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने सम्मेलन की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी प्रतिभागियों, आयोजकों और वैज्ञानिक समुदाय का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने और युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करने में सहायक होते हैं। इस सम्मेलन के सफल आयोजन ने वैज्ञानिक नवाचार को प्रोत्साहन देने और भविष्य की संभावनाओं को तलाशने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रखा है।
सम्मेलन में भारतीय विज्ञान परंपरा, स्वदेशी विज्ञान, टेक्नोलॉजी, रक्षा प्रणाली और नवीन वैज्ञानिक खोजों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारतीय वैज्ञानिक विरासत और आधुनिक विज्ञान के मध्य समन्वय स्थापित करना था, ताकि देश की वैज्ञानिक प्रगति को और अधिक गति मिल सके। इस सम्मेलन में देशभर से 250 से अधिक वैज्ञानिकों एवं युवा शोधकर्ताओं ने भाग लिया। उन्होंने अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किए और विभिन्न वैज्ञानिक विषयों पर अपने विचार साझा किए। सम्मेलन के दौरान विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहन चर्चा की गई।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर