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नई दिल्ली, 28 मार्च (हि.स.)। भारत और जापान ने आधिकारिक विकास सहायता के तहत छह परियोजनाओं के लिए 191.736 अरब जापानी येन के ऋण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये परियोजनाएं वन प्रबंधन, जल आपूर्ति, शहरी परिवहन, जलीय कृषि, जैव विविधता संरक्षण और निवेश संवर्धन के क्षेत्रों से संबंधित हैं।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि भारत और जापान ने गुरुवार को वन प्रबंधन, जल आपूर्ति, शहरी परिवहन, जलकृषि, जैव विविधता संरक्षण और निवेश संवर्धन के क्षेत्रों में जापान की आधिकारिक विकास सहायता (ओडीए) के अंतर्गत छह परियोजनाओं के लिए 191.736 बिलियन जापानी येन के ऋण समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
मंत्रालय के मुताबिक भारत सरकार और जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) के बीच नई दिल्ली में इन छह ऋण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें तमिलनाडु निवेश संवर्धन कार्यक्रम (चरण 3) (टीएनआईपीपी-III) ( 36.114 बिलियन जेपीवाई), प्रभावी वन प्रबंधन के लिए क्षमता वृद्धि के लिए परियोजना (8.280 बिलियन जेपीवाई), चेन्नई समुद्री जल विलवणीकरण संयंत्र (II) के निर्माण के लिए परियोजना (52.556 बिलियन जेपीवाई), दिल्ली जन सामूहिक तीव्र परिवहन प्रणाली परियोजना (चरण 4 अतिरिक्त गलियारे) (I) (79.726 बिलियन जेपीवाई), असम राज्य जलीय कृषि संवर्धन और आजीविका सुधार परियोजना (3.580 बिलियन जेपीवाई) और पंजाब जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण परियोजना (11.480 बिलियन जेपीवाई) है।
उल्लेखनीय है कि भारत और जापान का वर्ष 1958 से द्विपक्षीय विकास सहयोग का एक लंबा और फलीभूत इतिहास रहा है। भारत-जापान संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ के रूप में आर्थिक सहयोग में पिछले कुछ वर्षों में लगातार प्रगति हो रही है। यह भारत और जापान के बीच रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत तथा सुदृण करता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर